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Thursday, Dec 7, 2023
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विचार

सकारात्मक सोच के सदाशयी व्यक्तित्व : अश्विनी वैष्णव

सुबोध अग्निहोत्री
अश्विनी वैष्णव भारतीय राजनीति के एक ऐसे चरित्र नायक हैं जिन्हें अपना कर्म ही पूजा लगता है। वे धीरोदात्त हैं, धैर्य और उदात्तता उनके आचरण के विभिन्न आयाम हैं। सुसंस्कृत परिवार में जन्मे और बाल्यकाल से मेधावी रहे अश्विनी वैष्णव की शिक्षा देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में हुई। एमबीए विदेश से किया और फ़िर संघ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर नौकरशाह भी बने। ऐसे स्वर्णिम भविष्य के रचयिता के मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा हिलोरें मार रहा था तो वे एक उद्देश्यपरक राजनीति के चलते राज्यसभा में आये और यहीं से राष्ट्र सेवा के पाठ पढ़ने प्रारंभ कर दिये। उनकी योग्यता, कार्य-दक्षता और ईमानदारी से प्रभावित होकर माननीय प्रधानमंत्री जी ने उन्हें भारी भरकम रेल विभाग का प्रभार दिया तो उन्होंने तन्मयता से न केवल रेलवे की कार्यप्रणाली में सुधार किया, प्रत्युत रेल्वे के ढांचागत सुधारों को अत्यधिक प्रभावी बनाकर रेलों के समय से परिचालन के कार्य को प्राथमिकता दी। उनकी दृष्टि में रेल्वे के आगामी पचास वर्षों का परिदृश्य है जिसे लेकर वे अपनी कार्यप्रणाली को आधार दे रहे हैं। वे दुर्घटना स्थल पर सदैव उपस्थित रहने वाले रेल मंत्री हैं। सहजता और सरलता उनका अलंकार है। वे निरभिमानी व्यक्तित्व के धनी हैं।

वे मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव में प्रदेश सह-प्रभारी बने हैं तदर्थ इस अवधि में उनका भोपाल प्रवास भी बढ़ा है, पर उनकी कार्यशैली में इतनी पारदर्शिता है कि कोई भी कार्यकर्ता उनसे कभी भी मिल सकता है। सबसे मिलना और सबके समाधान का भाव उन्हें नैसर्गिक रूप से मिला हुआ है। उन्हें देखकर लगता ही नहीं कि भारत सरकार के उच्च पद पर आसीन व्यक्ति इतना सहज और सरल भी हो सकता है। वे यहाँ सबसे घुल-मिल कर ऐसे लगते हैं जैसे वे हमारे ही प्रदेश के हों। ऋजुता उनके व्यक्तित्व में नहीं। उनके आभामंडल पर सौम्यता दिग्दर्शित होती है। निःसंदेह वे मोदी सरकार के नवरत्नों में से एक हैं।

श्री वैष्णव राजनीति के आकाश में एक देदीप्यमान नक्षत्र की तरह उदित हुये एक सामान्य कर्मठ कार्यकर्ता हैं। अहर्निश कार्यकर्ता भाव से अपने कार्य को अंजाम देने में समर्थ हैं। वे तपोनिष्ठ साधक की तरह राजनीति की भावभूमि पर अपनी सदाशयता से जनमानस को आकर्षित करने में सक्षम हैं।

श्री वैष्णव भोपाल प्रवास के दौरान ज्यादा से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओ के बीच ही रहते हैं। कार्यकर्ताओं के प्रति उनका व्यवहार इतना सहज और सरल है कि ऐसा लगता ही नहीं है कि वे देश के रेल मंत्री के साथ बैठे हैं। हर किसी से मिलना और हर एक की सुनना व समाधान करना उनके स्वभाव में है। वे धीर-गंभीर होने के साथ ही मृदुभाषी भी हैं। उनके चेहरे पर सौम्यता का ऐसा भाव है कि जो भी उनसे मिलता है। खुश हो जाता है। प्रदेश के कार्यकर्ताओं का यह सौभाग्य है उन्हें इस चुनाव में प्रदेश प्रभारी के रूप में श्री भूपेंद्र जी यादव और सह प्रभारी के रूप में श्री अश्वनी वैष्णव जैसे राज नेता मिले हैं। चुनाव संचालन में ये दोनों कोई भी कोर कसर बाकी नही छोड़ रहे हैं। वे अपने मिशन के प्रति पूरी तरह सजग हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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