विवेक श्रीवास्तव
ग्वालियर(देसराग)। ग्वालियर में जिस ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, उसी सीट पर भाजपा में उलझन है। यहां से भाजपा की प्रत्याशी माया सिंह चुनाव लड़ रही हैं। यह वही सीट है जिसके लिए भाजपा ने अपनी ही गाइडलाइन को तोड़कर 74 साल की माया सिंह को प्रत्याशी बनाया है। माया सिंह स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया के भाई ध्यानेंद्र सिंह की पत्नी हैं। उन्हें मामी जी इसीलिए कहा जाता है क्योंकि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की मामी हैं।
कहा तो यही जा रहा है कि माया सिंह का नाम भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की सिफारिश पर फाइनल हुआ है। हालांकि टिकट के दावेदारों में माया सिंह का नाम दूर-दूर तक नहीं था लेकिन अचानक उनका नाम प्रत्याशी के तौर पर सामने आ गया। अब पूरा ‘महल’ भाजपा मय है तो जाहिर है महल की प्रतिष्ठा भी इसी सीट से जुड़ी है। स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया के कारण माया सिंह को भाजपा में लगातार कई सीढ़ियां चढ़ने का मौका मिला। इधर पिछले 5 सालों से पार्टी ने घर पर ही बैठा दिया। और अब अचानक पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से खुद भाजपाई भी चौंक गए।
भाजपा से कांग्रेस में आए सतीश सिंह सिकरवार इस सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और पार्टी ने एक बार फिर उन्हें इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। मुकाबला भी माया सिंह और सतीश सिकरवार के बीच ही है। महल यानी जय विलास पैलेस भी इसी विधानसभा सीट में आता है और खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी सीट से वोटर है। और इस लिहाज से चुनाव के नतीजे क्या होंगे इसे लेकर सभी की निगाहें इस सीट पर हैं। माया सिंह जीतें या हारें, प्रतिष्ठा सिंधिया की ही दांव पर है।