उज्जैन (देसराग)। उज्जैन में बीते 9 दिन से चल रहे महाशिवरात्रि पर्व का धूम के बाद समापन हो गया। बुधवार को बाबा महाकाल का 3 क्विंटल फूलों से सेहरा बनाया गयाए जिसके बाद 11:00 बजे 2:00 बजे बजे तक बाबा महाकाल की साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती प्रारंभ हुई। महाकाल को जल चढ़ाकर दूध, दही, शहद, से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसमें मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी शामिल हुईं।
दिन में साल में एक बार होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती
महाशिवरात्रि पर्व के अगले दिन का खास महत्व है। इस दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती दिन में होती है। इसके अलावा पट खुलने के 48 घंटे तक भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं। महाकाल मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र उच्चारण कर भगवान महाकाल को स्नान कराया जाता है। इसके बाद पूजन अभिषेक कर भगवान महाकाल को भस्म अर्पित कर आरती होती है। इसके बाद महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो जाता है। महापर्व के समापन पर उमा भारती ने गर्भ गृह में जाकर भगवान को जल अर्पित किया।
सेहरा उतरने के बाद दिन में होती है भस्म आरती
बाबा महाकाल की भस्म आरती की यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। समापन के दिन 48 घंटे भगवान के पट बंद नहीं होते। पट खुलने के बाद ही बाबा के दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रशासन के अनुसार 5 लाख के आसपास श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। दिन की भस्म आरती के बाद महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो गया है।