भोपाल (देसराग)। मध्यप्रदेश में वन समितियों के गठन का अधिकार ग्राम सभा को रहेगा। वन समितियों को लेकर पूरी जिम्मेवारी अब जनजाति विभाग को सौंप दिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। बैठक में सीपीए को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। भोपाल के सभी उद्यानों का रखरखाव अब वन विभाग द्वारा किया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में ओमकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क से उत्पादित 950 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट की बैठक में प्रमुख सचिव वित्त द्वारा बजट संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। वहीं बैठक में वित्त विधेयक 2022 और तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।
कैबिनेट में इन निर्णयों पर हुआ फैसला
ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क से उत्पादित 950 मेगावाट बिजली के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगाई।
बिजली खरीदी के लिए मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।
कैबिनेट की बैठक में कोरोना वायरस को देखते हुए घरेलू उपभोक्ताओं के स्थगित बिजली बिल की राशि के भुगतान के लिए समाधान योजना का अनु समर्थन किया गया।
विधानसभा के बजट सत्र में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई।
प्रदेश में नर्मदा जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए 26 हजार करोड़ से ज्यादा की नर्मदा घाटी विकास और जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित 12 सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति। इसके बाद अब परियोजना के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।
वित्त विधेयक 2022 और तृतीय अनुपूरक अनुमान बजट प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
कैबिनेट में राजधानी परियोजना प्रशासन को बंद करने का निर्णय लिया गया। सीपीए में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को मूल विभाग में लौटाया जाएगा।
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