नर्मदापुरम (देसराग)। बाघ राज्य यानि टाइगर स्टेट का रुतबा रखने वाले मध्य प्रदेश के सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में बाघों की सुरक्षा के लिए कर्नाटक से हाथी बुलाए जा रहे हैं। अगले माह सतपुड़ा बाघ अभ्यारण्य में 5 हाथी आ जाएंगे, जो बारिश में पुराने 6 हाथियों के साथ मिलकर गश्त करेंगे।
कर्मचारियों को क्षेत्रों में नियमित गश्त में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन हाथियों से गश्त आसानी से हो जाती थी। सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में हाथियों की कमी थी जिसके चलते, कुछ ही क्षेत्रों में गश्त हो पाती थी। इस कमी को पूरा करने की कवायद कई दिनों से चल रही थी।
हाथियों से आसानी से होती है गश्त
अभी सतपुड़ा बाघ अभ्यारण्य में 6 हाथी हैं। एक हाथी लगातार विभिन्न स्थानों पर रेस्क्यू के लिए ले जाया जाता है, बाकी बुजुर्ग और बच्चे हैं। अब नए और पुराने मिलाकर 11 हाथी हो जाएंगे, जिससे बैक वाटर क्षेत्र के थानों पर हाथियों से गश्त आसानी से हो सकेगी। इधर, देखें तो सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है। इनकी सुरक्षा उचित और नियमित तरीके से हो सके इसलिए कर्नाटक से हाथियों को बुलाया जा रहा है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को मिल रहे सबसे ज्यादा हाथी
सतपुड़ा बाघ अभयारण्य के डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति का कहना है कि पूरे मध्य प्रदेश में 15 हाथी कर्नाटक से आने हैं। सबसे अधिक हाथी सतपुड़ा बाघ अभयारण्य को मिल रहे हैं। बाघों की सुरक्षा के लिए हाथियों से नियमित गश्त की जाएगी। लंबे समय से हाथी का कुनबा बढ़ाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे थे। उन्हों बताया की कर्नाटक से आने वाले सभी हाथी प्रशिक्षित हैं। उन्हें सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में पुराने हाथियों से अलग रखा जाएगा। कुछ दिन अलग रहने के बाद यहां के हाथियों से वह परिचित हो जाएंगे, इसके बाद उन्हें गश्त के काम पर लगाया जाएगा।
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