भोपाल(देसराग)। भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल को महिला कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। विभा पटेल ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचकर पदभार ग्रहण कर लिया। विभा पटेल की नियुक्ति का निहितार्थ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बीच उस तालमेल को बताया जा रहा है जिसकी दम पर कांग्रेस मिशन 2023 की दिशा में आगे बढ़ रही है।
कमलनाथ ने विभा पटेल के नाम पर मुहर लगा साफ संदेश दिया है कि उनके लिए कार्यकर्ता या नेता का गुट नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रति समर्पण ही पहली प्राथमिकता है। साथ ही कमलनाथ ने विभा पटेल को बड़ी जिम्मेदारी देकर यह भी जताया कि गुटबाजी से इतर निष्ठावान कांग्रेसियों को मिशन 2023 में बड़ी भूमिका देने से उन्हें कोई गुरेज भी नहीं।
विभा पटेल की नियुक्ति ऐसे समय में हुई जब बीते कुछ दिनों से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के आपसी तालमेल को लेकर मीडिया में चर्चाओं का दौर चल रहा था। ‘घर चलो, घर घर चलो अभियान’ के अलावा ‘डिजिटल सदस्यता अभियान’ के आगाज में दिग्विजय सिंह की अनुपस्थिति को लेकर मीडिया में कई तरह की चर्चाएं थीं। हालांकि उस वक्त भी कमलनाथ ने खुद आगे आकर इन बातों पर विराम लगाया था।
वहीं इससे पहले जब दिग्विजय सिंह गुना-शिवपुरी के बांध विस्थापितों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने का समय मांग रहे थे तब कमलनाथ की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्टेट हैंगर पर हुई आकस्मिक मुलाकात ने इस विवाद को और हवा दे दी थी। हालाँकि स्टेट हेंगर से सीधे धरने में शामिल होकर कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह का समर्थन करते हुए शिवराज सरकार को जमकर घेरा था।
विभा पटेल को सियासी गलियारों में दिग्विजय सिंह के खेमे का माना जाता है। राजधानी में दिग्विजय सिंह के हर धरने प्रदर्शन में विभा पटेल की मौजूदगी और सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में उन्हें महिला कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाना गुटबाजी के आरोपों का सामना कर रही कांग्रेस के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने के बाद अब प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर ही पार्टी का पूरा दारोमदार है। सत्ता में आकर सत्ता खो देने से मायूस कांग्रेस का प्रदर्शन भी पूरी तरह से दोनों के बीच तालमेल पर ही निर्भर करेगा। कमलनाथ ने जिस तरह जमीनी स्तर पर संगठन को कसना शुरू किया है उसमें दिग्विजय के अनुभव और समन्वय से कांग्रेस उत्साहजनक परिणाम हासिल कर सकती है।
विभा पटेल की महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच तालमेल का ऐसा ही एक उदाहरण है जो मिशन 2023 के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए सकारात्मक संदेश दे रहा है। विभा पटेल की नियुक्ति के साथ ही यह साफ हो गया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सधे हुए तरीके से कांग्रेस को आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
विभा पटेल पिछड़ा वर्ग से हैं। प्रदेश की सियासत में पिछड़ा वर्ग आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। कमलनाथ पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार पर हमलावर भी हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले पिछड़ा वर्ग की विभा पटेल के चेहरे पर दांव लगा कमलनाथ ने बड़ी चाल भी चली है जिसके सहारे कांग्रेस प्रदेश की आधी आबादी को साधने की कोशिश में है। गौरतलब है कि विभा पटेल को अर्चना जायसवाल की जगह नया अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले महिला कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग करते हुए अर्चना जायसवाल को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। विभा पटेल भोपाल की पूर्व महापौर और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जन जागरण अभियान की सह प्रभारी भी हैं। अर्चना जायसवाल के पद से हटाए जाने के बाद से ही इस पद पर उनके नाम की चर्चा थी। अर्चना जायसवाल को मांडवी चौहान के कोरोना से निधन के बाद 27 जुलाई 2021 को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
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