भोपाल (देसराग)। भारतीय पुलिस सेवा के 1987 संवर्ग के वरिष्ठ अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को सायंकाल मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक का कार्यभार ग्रहण किया। पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभालने के लिए पुलिस मुख्यालय पहुँचने पर नये पुलिस मुखिया सुधीर सक्सेना को गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया गया। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने उन्हें कार्यभार सौंपा।
सुधीर सक्सेना इससे पहले भारतीय केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर गृह मंत्रालय में पदस्थ थे। इस संवर्ग में उनका क्रम सबसे ऊपर है। सुधीर सक्सेना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी भी रह चुके हैं। इस वजह से मुख्यमंत्री से वे हमेशा संपर्क में रहे हैं। पुलिस मुख्यालय की प्रमुख शाखाओं में शामिल प्रशासन के भी वह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। यही वजह है कि सुधीर सक्सेना को पुलिस महानिदेशक पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा था।
सक्सेना मूलत: ग्वालियर निवासी हैं। वे 2012 से 2014 तक मप्र के मुख्यमंत्री के ओएसडी रह चुके हैं। सुधीर सक्सेना अविभाजित मध्यप्रदेश में 1992 से 2000 तक रायगढ़, छिंदवाड़ा, जबलपुर और रतलाम में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। उप पुलिस महानिरीक्षक बनने के बाद 2002 में वे सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। हालांकि वहां से लौटने के बाद उन्हें 2014 से 2016 तक पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) बनाया गया था। उल्लेखनीय पुलिस कार्यो के लिए उन्हें वर्ष 2003 में राष्ट्रपति के सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2012 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद की दौड़ में सुधीर सक्सेना के अलावा महानिदेशक (होमगार्ड) पवन जैन को भी दावेदार माना जा रहा था। वे नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। मप्र स्थापना के समय 1956 में प्रदेश पुलिस मुखिया के पद पर पुलिस महानिरीक्षक की पोस्टिंग हुई थी। 1982 तक पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी ही पुलिस मुखिया रहे। 1982 से प्रदेश में पुलिस महानिदेशक की पोस्टिंग शुरु हुई। 23 मार्च, 1982 को भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बीपी दुबे पहले पुलिस महानिदेशक बने। अब तक प्रदेश में 30 पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। सक्सेना 31वें पुलिस महानिदेशक बने हैं।
ग्वालियर से है अटूट नाता
गौरव की बात है ग्वालियर के सुधीर सक्सेना ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभाला। इससे पहले लाला का बाजार निवासी ऋषि कुमार शुक्ला तथा थाटीपुर निवासी सुरेंद्र सिंह यह दायित्व संभाल चुके हैं। भारतीय पुलिस सेवा के 1987 संवर्ग के अधिकारी सुधीर सक्सेना ने गोरखी से हायर सेकेंड्री पास की और एमआईटीएस पास आऊट होने के बाद भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हुआ। प्रशिक्षण अवधि में भी श्योपुर में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) रहे। पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभालने वाले सुधीर सक्सेना का पुश्तैनी मकान सीपी कालोनी मेंं है। वर्तमान में यहां परिवार का कोई सदस्य नहीं रहता है। मकान की देखरेख के लिए किराये पर दे रखा है। सुधीर सक्सेना के पुलिस महानिदेशक बनने की खबर से पड़ोसी उत्साहित है। लोगों का कहना है कि अब हम भी गर्व से कह सकेंगें कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पड़ोसी है। प्रदेश के नवागत पुलिस महानिदेशक के पड़ोसियों ने बताया कि सुधीर सक्सेना के पिता एजी आफिस से सेवानिवृत्त हुए थे। भाई सुनील सक्सेना दिल्ली में डाक्टर हैं। उनके बहनोई भी एजी आफिस में थे। जिनका निवास शकुलंता पुरी में हैं। पड़ोसियों का कहना है काफी सालों से वे सीपी कालोनी नहीं आए हैं। उनके मकान में किरायेदार रहते हैं। हमारे लिए गौरव की बात है सीपी कालोनी में नवानियुक्त पुलिस महानिदेशक के घर के सामने है। भारत सरकार के खाद्य विभाग मंत्रालय से सेवानिवृत्त अरुण अग्रवाल ने बताया कि समाचार-पत्रों के माध्यम से सूचना मिली कि सुधीर सक्सेना को पुलिस महानिदेशक को दायित्व सौंपा जा रहा है। खबर पढ़कर बहुत अच्छा लगा। इसी कालोनी में उनका बचपन बीता है। वह बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे। काफी दिनों से वे आए नहीं हैं। अब उम्मीद करते हैं कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभालने के बाद वे व्यस्ताओं में से कुछ समय निकालकर अवश्य अपने पैतृक निवास पर आएंगें।
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