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Monday, Oct 2, 2023
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429 अवैध कॉलोनी होंगी वैध, पहले कराना होगी एफआईआर!

ग्वालियर (देसराग)। सरकार अब एक बार फिर अवैध कॉलोनियों को वैध करने जा रही है। इसके लिये बनाई गाइड लाइन के तहत ग्वालियर नगर निगम सीमा में आने वाली 429 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की पृथम अधिसूचना जारी की जा रही है। निगम सीमा में 267 ऐसी अवैध कॉलोनी हैं जिसमें कुछ सरकारी जमीन पर बसी हैं और कुछ में आधे अधूरे मकान बने हैं। लेकिन वैध करने के साथ ही अवैध कॉलोनी बसाने वाले कॉलोनाइजर या जमीन मालिक पर संबंधित थाने में एफआईआर भी कराना होगी। नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल ने कॉलोनी सेल को समस्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। कॉलोनी सेल के प्रभारी, भवन अधिकारी महेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि प्रथम सूचना जारी होने के बाद दावे-आपत्ति आमंत्रित किये जाएंगे।
31 दिसंबर 2016 से बसी कॉलोनियों पर ही नियम
सरकार की गाइड लाइन के तहत केवल वे ही अवैध कॉलोनी वैध की जा सकेंगी जो 31 दिसंबर 2016 से पहले बसा दी गई हैं। प्रदेश भर में सरकार ने इस अवधि की कॉलोनियों को विधानसभा चुनाव से पहले 8 मई 2018 में भी वैध करने की घोषणा की थी। प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम ग्वालियर व्यापार मेला मैदान में आयोजित किया था, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री माया सिंह मौजूद थीं। लेकिन बाद में मामला अदालत पहुंचा और सरकार को बैकफुट पर लौटना पड़ा। अब सरकार ने फिर नये नियम बनाये हैं जिनके तहत वैध करने की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि नगर निगम सीमा में 2016 के बाद से अब तक धड़ाधड़ अवैध कॉलोनी कट रही हैं, इसमें ज्यादातर में सत्ताधारी पार्टी और अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों की अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी है।
ये कॉलोनियों नहीं हो सकेंगी वैध
सरकारी जमीन, विकास प्राधिकरण, गृह निर्माण, नगर निगम, सड़क, पार्क, खेल मैदान, नदी, नाले, आदि पर अतिक्रमण कर बसाई कॉलोनी। कम से कम 10 फीसदी खुला क्षेत्र होना चाहिये। ऐसा न होने पर कुल कीमत से डेढ़ गुना राशि संबंधित कॉलोनाइजर या जमीन मालिक से वसूल की जाएगी।
विकास के लिये जमा करना होगी राशि
ऐसी कॉलोनी जिसमें निम्न आय वर्ग के 70 फीसदी से अधिक लोग निवास करते हैं, उनसे कॉलोनी में सड़क, बिजली, पानी, सीवर आदि विकास कार्यों के लिए कुल राशि का 20 फीसदी हिस्सा जमा करना होगा, 80 फीसदी राशि नगर निगम लगाएगी। इसके अलावा अन्य कॉलोनियों में विकास की राशि 50-50 फीसदी वहन करना होगी।
किसानों पर गिरेजी गाज
अवैध कॉलोनियों को वैध करने के साथ ही उसे बसाने वाले लोगों पर भी एफआईआर कराने का प्रावधान है। चूंकि ज्यादातर कच्ची (अवैध) कॉलोनियों में कॉलोनाइजर शातिर रहे और उन्होंने सीधे किसानों से ही हितग्राहियों के भू-खण्डों की रजिस्ट्री करा दी हैं। इसलिए खसरा रिकॉर्ड में किसानों का ही नाम दर्ज है, जबकि कॉलोनाइजर मुनाफा कमा कर भाग चुके हैं। ऐसी स्थिति में किसानों पर ही एफआईआर कराई जाएगी।

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