भोपाल (देसराग)। मध्य प्रदेश विधान सभा का बजट सत्र 7 मार्च यानि सोमवार से आरंभ होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र 2022 में एक दूसरे को घेरने के लिए पक्ष और विपक्ष ने जमकर तैयारी की है। एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने के लिए राज्य के कुल 230 माननीयों ने 4 हजार 500 से ज्यादा सवाल लगाए हैं। कांग्रेस ने कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, निवेश संवर्धन, बिजली बिलों सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के सवाल लगाए हैं।
ऑनलाइन में रुचि नहीं
विधानसभा सचिवालय ने माननीयों को ऑनलाइन सवाल पूछने की व्यवस्था भी की थी, लेकिन आधे से ज्यादा माननीयों ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। 2,200 से ज्यादा सवाल माननीयों ने ऑफलाइन ही पूछे हैं। हालांकि सभी माननीयों को पूर्व में ही लैपटॉप दिए जा चुके हैं। ऐसे माननीय जो कम्प्यूटर फ्रैंडली नहीं हैं, उन्हें कम्प्यूटर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था कराई गई है। यहां तक कि माननीयों को कम्प्यूटर ऑपरेटर तक के लिए भत्ता दिया जाता है, लेकिन इसके बाद भी माननीय ऑनलाइन सवाल भेजने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
बजट सत्र में 4 हजार 518 सवाल
विधानसभा के बजट सत्र के लिए विधायकों ने अलग-अलग मुददों पर 4 हजार 518 सवाल लगाए हैं। इसमें से 2 हजार 251 सवाल ही ऑनलाइन पूछे गए हैं, जबकि 2 हजार 267 सवाल यानी आधे से भी ज्यादा ऑफलाइन ही विधायकों ने पूछे हैं।
कानून व्यवस्था, बेरोजगारी को लेकर पूछे सवाल
कांग्रेस विधायकों ने सत्ता पक्ष को घेरने के लिए बेरोजगारी, कानून व्यवस्था को लेकर ढेरों सवाल लगाए हैं। कांग्रेस विधायकों ने राजधानी भोपाल और इंदौर में लागू की गई कमिश्नर प्रणाली, रेत अवैध उत्खनन, बिजली के बढ़े हुए बिलों, बिजली बिल की वसूली, सायबर अपराध, शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल लगाए हैं। इसके अलावा कांग्रेस शून्यकाल, ध्यानाकर्षण के जरिए भी पक्ष-विपक्ष के विधायक अपने क्षेत्र की समस्याएं सत्र में उठाएंगे।
ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का होगा बजट
सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश का बजट ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का होगा। सत्र की अवधि कम होने के चलते इस बार 1 दिन में 7 से 8 विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। बजट सत्र की शुरुआत 7 मार्च को सुबह 11:00 बजे राज्यपाल मंगू भाई पटेल के अभिभाषण से होगी। इसमें सरकार के पिछले 1 साल में किए गए कामों के साथ आने वाले वित्तीय वर्ष का रोड मैप होगा। इसके साथ ही 2021-22 का आर्थिक प्रतिवेदन सदस्यों को दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश में चाइल्ड बजट
राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में 9 और 10 मार्च को चर्चा होगी। इसके बाद विभाग वार अनुदान मांगों पर चर्चा और बजट पारित किया जाएगा। इस सत्र में खास बात शिवराज सरकार की यह है कि मध्य प्रदेश में चाइल्ड बजट भी प्रस्तुत होगा, जिसमें अलग-अलग विभाग बच्चों के ऊपर कितनी राशि खर्च करेंगे इसका ब्यौरा होगा।
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