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Tuesday, Jun 6, 2023
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तस्करी के लिए तेंदुए बनाए जा रहे हैं शिकार!

ग्वालियर (देसराग)। बाघ राज्य यानि टाइगर स्टेट की पहचान रखने वाले मध्यप्रदेश में अब तेंदुए संकट में हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शिकारियों के निशाने पर अब मध्य प्रदेश की तेंदुए आ गए हैं। यही वजह है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में बीते दो महीने में 6 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। हाल में ही श्योपुर जिले में दो तेंदुए के शव पाए गए हैं।
दो माह में मिले 6 तेंदुए के शव
ग्वालियर-चंबल अंचल में पिछले दो महीने में 6 तेंदुओं के शव मिल चुके हैं। आशंका है कि इसमें से अधिकतर तेंदुए शिकारियों का शिकार हुए हैं। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में जनवरी 2021 से लेकर अब लगभग 30 से अधिक तेंदुए का शिकार हुआ है। हाल ही में श्योपुर के में एक तेंदुए का शव चंबल नदी में तैरता हुआ पाया गया, जबकि दूसरे तेंदुए का शव विजयपुर के जंगलों में पाया गया था।
“टाइगर स्टेट” के साथ “तेंदुआ स्टेट” भी है
तेंदुओं की संख्या में लगातार हो रही बढ़त से मध्य प्रदेश को “तेंदुआ स्टेट” के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश को “टाइगर स्टेट” का दर्जा भी मिला हुआ है, लेकिन अब यहां शिकारियों की सक्रियता ज्यादा बढ़ गई है। अपर प्रधान वन संरक्षक डॉ.शशि मलिक ने बताया कि तेंदुए की खाल, दांत और नाखूनों की तस्करी की जाती है। मलिक बताते हैं कि इसका सबसे ज्यादा व्यापार चाइना में होता है, यही वजह है कि अब इन शिकारियों के निशाने पर तेंदुए हैं। उन्होंने बताया कि तेंदुओं का शिकार रोकने के लिए वन विभाग ने जंगलों में लगातार पेट्रोलिंग कर रहा है। इसके साथ ही रात में भी सर्चिंग बढ़ाई गई है। तेदुए के निवास वाले एरिया और जंगलों के आसपास तार फेंसिंग भी की गई है। रात में भी वनकर्मी जंगल में रुक सकें इसके लिए जंगल के भीतर कैंप भी लगाए गए हैं।
तेंदुए के शरीर पर मिले घाव के निशान
जनवरी में श्योपुर में मृत पाए गए 2 तेंदुओं के शवों के देखने के बाद अधिकारियों ने पाया कि शिकारियों ने उनका शिकार किया है। एक तेंदुए के शरीर पर घाव के निशान मिले थे। वहीं दूसरे तेंदुए की मौत करंट लगने या जहरीला पदार्थ खाने की वजह से हुई थी। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शिवपुरी के भी जंगलों में भी एक तेंदुआ मृत पाया गया था। अशोकनगर-गुना जिले में भी तेंदुए का शिकार किए जाने की सूचना है।
तेंदुए को बाघ बताकर बेच देते हैं शिकारी
बीते साल मध्यप्रदेश में 30 तेंदुओं की मौत हुई थी, जिसमें से 10 की करंट लगने से, 8 की फंदे में फंसाए जाने से, इसके अलावा 5 तेंदुओं को सबूत के आधार पर शिकार की श्रेणी में रखा गया है। तीन मामलों में तेंदुए की हड्डी, खाल, पंजे, मूंछ के बाल, दांत और नाखून जब्त किए गए हैं। जानकार बताते हैं कि शिकारी तेदुओं के अंगों को बाघ के अंग बताकर बेच देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस समय मध्य प्रदेश में 3421 तेंदुए हैं और बीते साल से अब तक 45 से तेंदुए की मौत हुई है।

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