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Tuesday, Jun 6, 2023
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तो जान बचाई जा सकती थी कोबरा जांबाज की

औरंगाबाद(देसराग)। ओरंगाबाद के मदनपुर के जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 205 बटालियन कोबरा के सहायक कमांडेंट विभोर कुमार सिंह को समय रहते अगर पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा मिल जाती तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। वह आईडी ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
हालांकि बाद में इस जांबाज को एयर एंबुलेंस द्वारा एम्स ट्रॉमा सेंटर नई दिल्ली में दाखिल कराया गया। लेकिन ज्यादा रक्त स्राव हो जाने व बारूदी जहर फैलने के कारण दोनों पैर काटने पड़े। इस की बड़ी वज़ह समय रहते एयर एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई। कनफैडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने एम्स ट्रामा सेंटर नई दिल्ली में असिस्टेंट कमांडेंट के परिवार से मुलाकात की।
कोबरा जांबाज विभोर कुमार सिंह के पिता ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक केंद्रीय सरकार का कोई भी मंत्री जांबाज का हौंसला बढाने व हालचाल पूछने नहीं आया। विभोर कुमार सिंह की पत्नी रितु ने भारी मन से एयर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने के लिए व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा अगर समय रहते विभोर को दिल्ली एयर लिफ्ट किया जाता तो पैर काटने की नौबत नहीं आती।
इधर कनफैडरेसन चेयरमैन पुर्व एडीजी एचआर सिंह ने सीआरपीएफ फोर्स के लिए अलग से बीएसएफ की तर्ज पर एयर विंग के गठन की मांग की, साथ ही नक्सल बहुल प्रभावित इलाकों में एमआई हेलिकॉप्टर स्टैंड बाई में रखने की आवश्यकता जताई ताकि आपात स्थिति में जवानों को मेडिकल इलाज के लिए सभी मेडिकल सुविधाओं से सुसज्जित अस्पतालों में जवानों को समय रहते शिफ्ट किया जा सके। कनफैडरेशन अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा ने एयर फोर्स हेलिकॉप्टर के कप्तान को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की मांग की जिसने समय रहते विजिबिलिटी का बहाना बना कर चॉपर को उड़ान भरने से मना कर दिया।

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