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Sunday, Sep 24, 2023
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बजट सत्र के पहले दिन ही सदन में बिखरी दिखी कांग्रेस!

भोपाल देसराग। 15वीं विधानसभा का बजट का आगाज
कांग्रेस के बिखराव की कहानी से शुरु हुआ। सत्र के पहले दिन यानि सोमवार को विपक्ष के नेता की सहमति के बिना कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किए जाने सम्बन्धी ट्वीट पर पर सदन के अन्दर कांग्रेस की फजीहत हुई। सत्तापक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री डाक्टर नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई। जीतू पटवारी की इस हरकत पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी नाराजगी जताते हुए, इसे कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा बताने से न केवल साफ इंकार कर दिया, बल्कि इसे संसदीय परम्पराओं के खिलाफ भी बताया।
दरअसल बजट सत्र शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात कही थी। मामले में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में आपत्ति दर्ज कराई। पूछा-आखिर पटवारी को अभिभाषण कैसे मिला? नेता प्रतिपक्ष को ज‌वाब देना चाहिए। कमलनाथ ने उनकी आपत्ति का समर्थन किया और कहा अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी तारीफ की।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा, पटवारी ने सदन की अवमानना की है। यह मामला फ्लोर में आ चुका है। इसका परीक्षण करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पटवारी के खिलाफ आसंदी कदम उठाएगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी को लेकर कहा कि मीडिया में आने के लिए, अलग दिखने के लिए, सस्ती पब्लिसिटी के प्रपोगैंडा के लिए ट्वीट से बहिष्कार हो रहा है। मैं आभारी हूं और धन्यवाद देता हूं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को, जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह कहा कि यह गलत परंपरा है। मामले में आसंदी फैसला लेगी, कदम उठाएगी।
ऑडियंस गैलरी खोली गई
इस बार सत्र में ऑडियंस गैलरी खुली है। कोरोना की वजह से लगी पाबंदी हटने के बाद यह निर्णय लिया गया। हालांकि, एंट्री सीमित संख्या में ही दी गई है। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक ली। इसमें उन विषयों पर चर्चा की गई, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित अन्य सदस्य मौजूद रहें।
जीतू पटवारी ने दर्ज कराया विरोध
इससे पहले पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विरोध दर्ज कराते हुए अभिभाषण बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। पटवारी ने कहा कि यह अभिभाषण कैसे सुना जा सकता है। मध्यप्रदेश ने गायों की हत्या के मामले में विश्व में नाम कर दिया। इस सरकार में लोकतंत्र की हत्या की गई। सरकार ने पंचायत चुनाव, स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं कराए। प्रदेश 3 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्जे में है। हर व्यक्ति पर करीब 50 हजार रुपए का कर्ज है। पटवारी ने आरोप लगाए कि किसानों का कर्जा खा गाए, किसानों के बीमा में अनियमितता और गबन हो गया। मप्र में 3 हजार 500 नई शराब की दुकानें खोल दीं। सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते, रोजगार की बात नहीं कर सकते। शराबी बनो और मस्त रहो। हर घर में शराब रखो। ऐसा प्रदेश का मुख्यमंत्री दूसरा नहीं देखा। ऐसे मुख्यमंत्री की सरकार का अभिभाषण कैसे सुना जा सकता है।
कमलनाथ ने लिखा पत्र
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर विधानसभा के बजट सत्र की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि बजट सत्र की अवधि काफी कम है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि आमजन से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके।

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