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Monday, Oct 2, 2023
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राज्य

शिवपुरी-अशोकनगर सहित सात जिलों के कुओं में गिरा पानी का स्तर

भोपाल (देसराग)। प्रदेश में जमीन के अंदर भले ही भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए तमाम योजनाएं हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह योजनाएं महज हाथी के दांत बनी हुई हैं। यही वजह है कि प्रदेश के पेयजल स्रोतों के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। अच्छी बात यह है कि प्रदेश में इस बार अधिक और रुक-रुक कर बारिश हुई है जिसकी वजह से प्रदेश में जहां 65 फीसदी कुओं का वॉटर लेवल बढ़ा है तो वहीं सात जिले ऐसे भी हैं, जहां उसमें गिरावट दर्ज की गई है।
यह स्थिति बीते एक साल की है। सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जिन इलाकों के कुएं में पानी का स्तर बढ़ा है, वहां पर दो मीटर तक की वृद्धि देखी गई है जबकि जिन जिलों में जल स्तर गिरा है, वहां पर गिरावट चार मीटर तक की है। भू-जल स्तर बढ़ने की जो वजह बताई जा रही है वह है बीते साल अधिक बारिश के साथ ही उसकी गति धीमी और मध्यम रफ्तार होना है। दरअसल बोर्ड द्वारा भू जल स्तर का पता करने के लिए एक साल में चार बार हर तिमाही में सर्वे किया जाता है। इसी के तहत जनवरी की रिपोर्ट को जारी किया गया है। इसमें कुओं का बिलो ग्राउंड लेवल (बीपीएल) की स्थिति का पता चला है।
सर्वे में डेढ़ हजार से अधिक कुओं का सर्वे
यह रिपोर्ट बोर्ड द्वारा 1204 कुएं और 325 फिजोमीटर (एक प्रकार के नलकूप) का अध्ययन करने के बाद तैयार की गई है। इसमें बताया गया है कि डेप्थ आॅफ वाटर लेवल 0.10 मीटर बीजीएल से 32.60 बीजीएल तक मिला है। प्रदेश में केवल 37.20 फीसदी कुओं में 2 से 5 मीटर बीपीएल पाया गया है। यह प्रदेश के सभी इलाकों में सबसे अधिक है। इस सर्वे में भोपाल के 30 कुओं को शामिल किया गया। इसमें 26 कुएं और चार पीजोमीटर शामिल हैं। औसतन हर जिले में 29 कुएं लिए गए हैं।
एक दशक में सबसे अच्छी स्थिति
बीते एक दशक की तुलना में यह सामने आया कि 72.21 प्रतिशत कुओं में पानी के स्तर में वृद्धि हुई है। खास बात यह है कि 27.79 फीसदी कुओं में पानी के स्तर में गिरावट पायी गई है। रेनफॉल पैटर्न और बारिश से ग्राउंड वॉटर लेवल रिचार्ज होता है। इन पहलुओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सर्वे में मानसून पीरियड की बारिश के साथ ही पोस्ट मानसून रेनफॉल को भी शामिल किया है। प्रदेश में मानसून के दौरान सामान्य बारिश 940.6 मिमी होती है, जबकि पोस्ट मानसून 53.7 मिमी होती है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन जिलों में दो से लेकर चार मीटर तक की वृद्धि हुई है उनमें मंदसौर, नीमच, अशोकनगर और शिवपुरी जिले शामिल हैं , जबकि जिन जिलों में इतनी ही मात्रा में गिरावट पायी गई है उनमें खरगोन, खंडवा, देवास, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, दमोह और जबलपुर जिले शामिल हैं।

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