अर्धसैनिक बलों के संगठनों ने कहा, सरकार श्वेत पत्र जारी करे
नई दिल्ली(देसराग)। पैरामिलिट्री फोर्सेज में जवानों की आत्महत्याएं और एक दूसरे के बीच शूटआउट की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। बाघा बॉर्डर से 13 किलोमीटर दूर खालसा में बीएसएफ के कैंपस में एक जवान द्वारा अंधाधुंध फायरिंग किए जाने से 5 जवानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
कनफेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन की महासचिव रणवीर सिंह ने इस मामले में भारत सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं अर्धसैनिक बलों सहित पूरे देश के लिए चिंताजनक हैं।
बता दें इससे पहले नवंबर 2021 में सुकमा जिले के मरइगुडा कि सीआरपीएफ कैंपस में एक जवान ने सोते हुए 4 जवानों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था।
एसोसिएशन कहा कि अर्धसैनिक बलों के जवान इस तरह के कदम आखिर क्यों उठा रहे हैं इस पर गृह मंत्रालय और उच्च अधिकारी मौन साधे हुए हैं। इंक्वायरी के नाम पर जवान की घरेलू समस्या बताकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ दिया जाता है। कनफेडरेशन के अध्यक्ष जयेंद्र राणा ने बताया कि बेहद कठिन ड्यूटी के दौरान अधिकारियों द्वारा जवानों को प्रताड़ित किए जाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वही पुरानी पेंशन को बंद किए जाने से जवानों का भविष्य अंधकार में हो गया है। उन्होंने कहा कि यह समय अधिकारियों और जवानों के बीच बेहतर तालमेल बनाने का है।