जबलपुर। भारतीय सेना की गन सिग्मेंट का गौरव समझी जाने वाली धनुष तोप ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। धनुष ने सेकेंड लाइन फायरिंग में में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की है। पोखरण में आयोजित इस फायरिंग में जबलपुर से गईं दो धनुष गन भी शामिल हुईं।
पोखरण में किया गया ट्रायल
धनुष तोप के प्रदर्शन में उत्कृष्टता लाने के लिए लंबे समय से तोप गाड़ी फैक्ट्री (जीसीएफ) की ओर से कड़ी मेहनत की जा रही थी। ताजा सफलता के बाद धनुष गन को सेना को मिलनी शुरू हो जाएगी। राजस्थान की पोखरण फायरिंग रेंज में यह ट्रायल दो चरणों में संपन्न हुआ। इस दौरान 45 राउंड सफलतापूर्वक फायर किए गए। इसके बाद एक घंटे में 25 किलोमीटर का रोड ट्रायल किया गया।
फर्स्ट राउंड के बाद तुरंत सेकेंड ट्रायल
प्रथम ट्रायल के फौरन बाद दूसरा ट्रायल प्रारंभ हुआ। इस राउंड में भी 45 राउंड सफलतापूर्वक फायर किए गए। यह सारा ट्रायल करीब चार घंटे तक चला। बताया जाता है कि इस खास ट्रायल के समय पोखरण में तोपगाड़ी निर्माणी के महाप्रबंधक दीपक गुप्ता स्वयं अपनी टीम के साथ मौजूद रहे। वहां जीएम की मौजूदगी से इस परीक्षण कार्यक्रम की अहमियत को भलीभांति समझा जा सकता है। जीएम ने परीक्षण के दौरान प्रत्येक फायर पर टारगेट हिट करने के बाद न केवल ताली बजाई, बल्कि पूरे समय अपनी टीम का उत्साहवर्धन भी किया।
तोपगाड़ी के लिए बड़ी सफलता
एडवांस वेपन एंड इक्युपमेंट इंडिया लिमिटेड के अंतर्गत रक्षा उत्पादन में संलग्न तोपगाड़ी निर्माणी के लिए यह बड़ी सफलता है। यह सफलता तोपगाड़ी निर्माणी में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भविष्य तय करने वाली साबित हो सकती है। शाम होने तक इस सफलता की खुशखबरी तोपगाड़ी फैक्ट्री तक पहुंच चुकी थी। मौजूदा दौर में निगमीकरण की चर्चाएं पुरजोर हैं। ऐसे में यह सफलता जीसीएफ सहित अन्य प्रतिरक्षा संस्थानों के लिए प्रेरणा और प्राणवायु का काम कर सकती हैं। लिहाजा, सफलता की सूचना मिलने के बाद तोपगाड़ी निर्माणी के अधिकारियों-कर्मचारियों ने पूरे उत्साह के साथ इस सफलता पर खुशी का इजहार किया।