भोपाल (देसराग)। मध्य प्रदेश की राजनीति में फिर से राम नाम पर खींचतान शुरू हो गई है। राम के नाम पर श्रेय लेने की होड़ लग गई है। संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राम वन गमन पथ का निर्माण कराएगी। यह हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है इसलिए राम वन गमन पथ निर्माण कार्य को संस्कृति विभाग ने धर्मस्व विभाग से लिया है ताकि तेजी से काम हो सके।
‘कांग्रेस ने राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए’
उषा ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने तो राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए थे। सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था कि राम का अस्तित्व नहीं है। वह राम वन गमन पथ क्या बनवाएंगे। ये काम सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। कांग्रेस राम वन गमन पथ निर्माण की कल्पना भी नहीं कर सकती। भाजपा की सरकार में जल्द ही राम वन गमन पथ न्यास भी बनाया जाएगा।
‘भाजपा सिर्फ सपना देख सकती है’
राम वन गमन पथ बनाने की भाजपा सरकार की तैयारियों पर कांग्रेस ने भी तुरंत ही पलटवार कर दिया। प्रदेश के पूर्व धर्मस्व न्यास मंत्री और विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि भाजपा सिर्फ सपना देख सकती है। उसे पूरा हम ही करेंगे। यह चाहे न्यास बना लें या कुछ भी करे। 2023 में कांग्रेस की सरकार बनेगी और इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने इसके लिए 2 हज़ार करोड़ का राम वन गमन पथ का कम्प्लीट प्रोजेक्ट तैयार किया था। 11 साल राम एमपी में रहे थे। मध्य प्रदेश के साथ हमने श्रीलंका का भी दौरा किया था। उस जमीन के लिए पहल की थी ताकि सीता जी का मंदिर बन सके, जहां सीता जी ने अग्नी परीक्षा की थी। पूरे देश मे जहां जहां राम गए थे वहां तक पहुंचने के बाद यह प्रोजेक्ट पूरा होगा।
श्रीराम वन गमन पथ
अयोध्या से प्रयागराज और चित्रकूट के बाद मध्य प्रदेश के सतना जिले की सीमा लगती है। भगवान राम के 14 साल के वनवास काल के दौरान उन्होंने चित्रकूट में 11 साल 11 माह और 11 दिन बिताए थे। इस कारण मध्य प्रदेश में भी राम वन गमन पथ बनाने पर राजनीति हो रही है। सतना से यह पथ पन्ना, अमानगंज, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, शहडोल होते हुए अमरकंटक तक जाता है। इसके आगे सरगुजा में सीता कुंड से छत्तीसगढ़ की सीमा लगती है।
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