सिंधिया ने वैश्य नव रत्नों को किया सम्मानित
ग्वालियर (देसराग)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि समाजसेवा एवं मानव कल्याण के काम में जुटी विभूतियों को सम्मानित कर सर्व वैश्य समाज ने केवल ग्वालियर ही नहीं पूरे देश के लिये उदाहरण प्रस्तुत किया है। दीन-दुखियों एवं जरूरतमंदों की मदद में अपना जीवन समर्पित करने वाली विभूतियों के नेक कामों को प्रचारित करें, जिससे सम्पूर्ण समाज के लोग मानव सेवा के लिये प्रेरित हो सकें।
सर्व वैश्य समाज मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेवाभावी विभूतियां किसी एक समाज की नहीं अपितु सम्पूर्ण समाजों के कल्याण का काम करती हैं। इसलिए जाति, पंथ व संप्रदाय से परे रहकर अच्छे लोगों को प्रोत्साहित करना हम सभी का धर्म है। केन्द्रीय मंत्री ने इस अवसर पर सर्व वैश्य समाज के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि अपने ग्वालियर शहर को स्वच्छ बनाने में अग्रणी भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में स्वच्छ व सुंदर शहर में ही अच्छा निवेश, व्यापार व पर्यटन आगे बढ़ता है। इसलिए सभी लोग स्वच्छता को जन आंदोलन बनाएं। उन्होंने आग्रह किया कि 12 मार्च को ग्वालियर में आयोजित होने जा रहे विशेष स्वच्छता कार्यक्रम में सभी सहभागी बनें और अपने वार्ड में जाकर सामूहिक रूप से साफ-सफाई करें, जिससे जनमानस में अपने शहर को स्वच्छ रखने का भाव पैदा हो।
शुक्रवार की शाम यहाँ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सभागार में आयोजित हुए समारोह में केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने सर्व वैश्य समाज की ओर से 9 विभूतियों को वैश्य रत्न से सम्मानित किया। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, सर्व वैश्य समाज के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय गोयल तथा भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी भी मौजूद रहे।
मुन्नालाल गोयल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाकर बीज एवं फार्म विकास निगम का अध्यक्ष बनवाने के लिये वैश्य समाज ने इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सम्मानित किया।
इन वैश्य नव रत्नों का हुआ सम्मान
बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, वैश्य समाज के अध्यक्ष रहे राधेश्याम कुचिया, एसपी सायबर सेल सुधीर अग्रवाल, पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, बड़े स्तर पर नेत्र शिविर लगवाकर लोगों को रोशनी देने वाले अशोक जैन, क्षतिग्रस्त ऐतिहासिक धरोहरों को मूल स्वरूप में लाने का काम कर रहे संजय मित्तल, राजेश एरन, ओमप्रकाश अग्रवाल व महेन्द्र खण्डेलवाल।