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Saturday, Dec 2, 2023
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राज्य

बिना “मास्साब” कैसे बेहतर होगी मप्र की शिक्षा व्यवस्था?

भोपाल (देसराग)। प्रदेश में सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर दी है, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। प्रदेश के स्कूलों में करीब 87 हजार शिक्षकों की जरूरत है। लेकिन मप्र सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पेश किए गए बजट में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना शिक्षक प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरेगी। क्योंकि पिछले बजट में शिक्षकों की भर्ती की घोषणा अभी तक आधी-अधूरी है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में करीब 87 हजार शिक्षकों की जरूरत है। पिछले बजट में 24,200 शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक मात्र 15 हजार शिक्षक ही नियुक्त हो पाए हैं। प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए तीन साल से भर्ती प्रक्रिया चल रही है। पीईबी द्वारा पात्रता परीक्षा लेकर मेरिट लिस्ट भी तैयार कर ली गई है, लेकिन अभी तक उन्हीं पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई है, जो पद स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले सत्र में घोषित किए थे।
पदों का भरने के लिए सरकार गंभीर नहीं
बजट में 360 सीएम राइज स्कूल खोलने के लिए 1 हजार 157 करोड़, सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10 हजार 345 करोड़ रुपए, माध्यमिक स्कूलों के लिए 6 हजार 212 करोड़ रुपये, समग्र शिक्षा अभियान के लिए 3 हजार 908 करोड़ रुपये और हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 3 हजार 160 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लेकिन प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूलों में खाली 87 हजार से अधिक पदों का भरने के लिए सरकार गंभीर नहीं है। मात्र 13 हजार पदों को भरने की घोषणा की गई है। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा कई दिनों से पद वृद्धि के साथ समस्त रिक्त पदों पर स्थाई शिक्षक भर्ती कराने की मांग की जा रही थी। रिक्त पदों में वृद्धि के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य कई विधायक भी मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिख चुके हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ के प्रदेश संयोजक रणजीत गौर एवं अन्य पात्र अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार प्रतिवर्ष शिक्षक भर्ती के नाम से करोड़ों का बजट तो स्वीकृत करती है परंतु भर्ती पूर्ण नहीं कर रही है। पिछले 3 वर्षों में समस्त रिक्त पदों पर स्थाई शिक्षकों की भर्ती कराने के लिए पात्र अभ्यर्थियों द्वारा कई बार आंदोलन, धरना-प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं।
नई नियुक्तियों की राह में अफसर रोड़ा
चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने नई नियुक्तियों की घोषणा कर दी है। लेकिन पहले के घोषित पदों में स्कूल शिक्षा विभाग में 8627 पद और जनजातीय विभाग में लगभग 4000 पदों पर नियुक्ति बाकी है, जिसमें आधी संख्या महिला अभ्यर्थियों की है। उनका कहना है कि विभाग ने शुरुआत में अस्थायी नियुक्ति सूची व अस्थायी वेटिंग सूची बनाई थी। अस्थाई नियुक्ति सूची में दस्तावेजों के सत्यापन में कई अभ्यर्थी बाहर हो गए। बाहर होने के बाद वेटिंग सूची से नियुक्ति सूची में शामिल करना था। लेकिन विभाग के अफसरों ने ऐसा नहीं किया। जिससे हम नियुक्ति के लिए परेशान हो रहे है। इसके अलावा विभाग की नियुक्ति प्रक्रिया में कई अनियमितताएं है। इसकी पूरी जांच होना चाहिए और दोषियों पर कार्यवाही होना चाहिए।

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