भोपाल (देसराग)। मध्य प्रदेश में शराबबंदी पर नहीं बनी बात तो अब शराब को लेकर उमा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मिलकर नए अभियान का आगाज करने जा रहीं हैं। इस अभियान में पूर्व मुख्यमंत्री जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को खुद से शराब के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उत्साहित करेंगी। 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश में शराब सस्ती करने पर सरकार आगे बढ़ चुकी है और नई आबकारी नीति लागू कर रही है।
क्या है नई आबकारी नीति
एमपी के सरकार के फैसला लिया है कि, 1 अप्रैल के बाद से राज्य में व्हिस्की, बीयर, वाइन सभी के दाम घटेंगे। इसके अलावा देसी शराब भी सस्ती होगी। देसी शराब का 110 रुपये में मिलने वाला क्वार्टर 85 रुपये में मिलेगा। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसका फैसला लिया गया, इसी फैसले के बाद शिवराज सरकार ने नई शराब नीति जारी की है। यह एक अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी, जिसके तहत शराब का मार्जिन कम करने का फैसला लिया गया है। इसमें हेरिटेज शराब बनाने पर भी मुहर लगाई गई।
शिवराज का उमा से अनुरोध
मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराबबंदी आंदोलन को सीएम शिवराज का साथ मिल रहा है। लेकिन शराबबंदी कब होगी इसकी कोई जानकारी फिलहाल किसी को नहीं है। ऐसा होगा भी या नहीं इसे लेकर भी तमाम किंतु-परंतु हैं। शराबबंदी पर जोर दे रही भाजपा नेता उमा भारती ने इसे मामले को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मुलाकात की थी, इस दौरान सीएम ने उमा से नशामुक्ति के लिए सरकार के जनजागरूकता अभियान में सहयोग करने का अनुरोध किया था।
अभियान की औपचारिक शुरूआत
उमा भारती ने कहा कहा, मैंने भोपाल से शराबबंदी अभियान की औपचारिक शुरूआत कर दी है। अब मैं गांव या शहर में शराब दुकानों के सामने खड़ी होने लगूंगी, ऐसा करने से जनमत स्पष्ट होगा और जागरुकता भी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि, नशाबंदी के लिए समाज और शराबबंदी के लिए सरकार को अगुवाई करनी पड़ेगी, क्योंकि शराब दुकानें तो सरकार की नीति से खुलती हैं। मालूम हो कि, इससे पहले भोपाल में एक शराब दुकान के आगे उमा भारती खड़ी हो गई थीं, जिसे देख पूरा गांव भी उनके साथ खड़ा हो गया।
शराब के सख्त खिलाफ हैं उमा भारती
गंगा सागर यात्रा का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि, मेरा स्वयं का भाव पूरा हो गया है और गंगा सागर यात्रा के लिए 2019 से प्रयत्न कर रही थी। शराबबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, वह शराब के सख्त खिलाफ हैं। इसको लेकर उमा की सीएम शिवराज से भी बातें हुई हैं। मेरा पूरा फोकस अब शराबबंदी पर ही है।
कैसे आया शराबबंदी का ख्याल
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि, शराबबंदी का मुद्दा उठाने में मेरी न तो कोई राजनीतिक भावनाएं हैं और न ही मेरा अहंकार। शराबबंदी का भाव मेरे जहन में कोरोना काल के बाद पैदा हुआ। जब मैंने देखा कि लॉकडाउन में शराब से किसी की भी मौत नहीं हुई। शराब बंदी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से मेरी घर पर बैठकर बात हुई हैं। उन्होंने मुझे जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा।
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