भोपाल (देसराग)। मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राजधानी की शराब दुकान में तोड़फोड़ कर शराबबन्दी पर अपने नजरिए को न केवल साफ कर दिया, बल्कि भाजपा को भी यह संकेत दे दिया कि वह इस समस्या के समाधान से कम पर समझौता करने को कदापि तैयार नहीं हैं। हालांकि उमाभारती के इस कदम से उनकी अपनी पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया है जबकि इस तोड़फोड़ का कई लोग समर्थन भी कर रहे हैं।
वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अगर प्रदेश में शराबबंदी करना है, तो उसके लिए प्रॉपर चैनल काम करना होगा। इस बीच निर्मोही अखाड़ा की किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने भी शराब बंदी पर उमा भारती का समर्थन किया है लेकिन उन्होंने तोड़फोड़ को गलत बताया है।
शराब बंदी में उमा भारती के साथ हूं
किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने कहा कि शराबबंदी में मैं उमा भारती के साथ हूं, लेकिन तोड़फोड़ करके अपना विरोध जताना यह कहीं से भी सही नहीं है, अगर मध्य प्रदेश में शराबबंदी करवाना हो तो उसके लिए पुलिस प्रशासन और मुख्यमंत्री से बात करना चाहिए ना कि शराब की दुकानों में जाकर तोड़फोड़ करना। क्योंकि अगर हम तरह का प्रदर्शन करेंगे तो हमारी नई जनरेशन को इससे गलत संदेश जाएगा।
सड़कों पर उतरकर करें आंदोलन
किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को अपना समर्थन देते हुए कहा है कि अगर आप शराबबंदी को लेकर मध्य प्रदेश में आंदोलन करेंगी तो मैं आपका साथ जरूर दूंगी। इसके लिए मैं और मेरे साथी आपके साथ खड़े रहेंगे पर शराबबंदी को लेकर शराब की दुकान में जाकर तोड़फोड़ करना यह आपको शोभा नहीं देता है क्योंकि आप एक जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ साध्वी हैं, इसलिए आप दुकानों में तोड़फोड़ का रास्ता ना अपनाएं।
सीएम को लिखी चिट्ठी
उमा भारती का शराब की दुकान पर पत्थर फेंककर तोड़फोड़ करने के मामले पर भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी ने कहा है कि यह उमा भारती का निजी मामला है। कानून हाथ में लेने के इस मामले पर उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि महिला सम्मान के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा।
इसलिए उठाया पत्थर
शराब की दुकान पर पत्थर फेंककर बोतलें फोड़ने के मामले पर उमा भारती ने सफाई दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर इसकी वजह बताई है। उमा भारती ने दो टूक कहा है कि शराबबंदी सरकार को करनी होगी और जहां तक शराब मुक्ति और नशा बंदी की बात है तो वह सामाजिक अभियान से ही खत्म होगें। उमा भारती ने अपने 2 पेज के पत्र में लिखा कि मैंने जो पत्थर मारा वह महिलाओं के सम्मान में मारा और मैं भी एक महिला हूं और जब महिलाओं ने मुझसे कहा कि हम लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन यहां से शराब की दुकान नहीं हटती। शराबी महिलाओं को परेशान करते हैं और यह दुकान जिस पर मैंने पत्थर मारा है, वह निश्चित जगह है, लिहाजा शासन को तुरंत दुकान बंद कर देनी चाहिए। उमा का पत्र साफ जाहिर कर रहा है कि आप उमा भारती शराब दुकानों को बंद कराने के लिए सड़क पर उतर आई हैं। अपने पत्र में उन्होंने शराब दुकानें खुलवाने के लिए सरकार को जिम्मेदार माना है।
भाजपा की दोगली नीति
शराब की दुकान में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के द्वारा तोड़फोड़ करने के मामले में कमलनाथ ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा दोगली राजनीति कर रही है। शिवराज सिंह चौहान शराब सस्ती कर रहे हैं वहीं कैलाश विजयवर्गीय और उमा भारती जैसे उनके बड़े नेता शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि वह भाजपा कितनी दोगली राजनीति करती है। उन्होंने कहा जनता सब समक्ष रही है और वो सरकार को जवाब देगी।
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