भोपाल (देसराग)। प्रदेश में 250 से अधिक आबादी वाले गांवों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण और मरम्मत कराए जाने का प्रावधान है। इसके लिए मंडी बोर्ड द्वारा राशि प्रदान की जाती है, लेकिन बीते दो सालों से बार-बार आग्रह के बाद भी मंडी बोर्ड राशि का भुगतान नहीं कर रहा है। यह राशि करीब 85 करोड़ रुपए है।
अब इस मामले में कृषि और पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग आमने-सामने आ गए हैं। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चार माह पहले इस योजना में सड़क निर्माण के लिए कृषि उपज मंडी बोर्ड से 85 करोड़ रुपए देने के लिए पत्र लिखा गया था लेकिन मंडी बोर्ड ने अब तक यह राशि ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को नहीं दी है। यह जानकारी पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने विधायक राज्यवर्धन सिंह के सवाल के लिखित जवाब में दी है। उनका कहना है कि 22दिसम्बर 2021 को आयुक्त राज्य कृषि विपणन बोर्ड को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि मंडी बोर्ड को किसान सड़क निधि से मिलने वाली राशि में से पीएम ग्राम सड़क योजना में निर्मित सड़कों की मरम्मत के लिए राशि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। वित्त वर्ष 2019-20 तक मंडी बोर्ड द्वारा मार्गों के संधारण के लिए समय समय पर राशि उपलब्ध कराई गई है।
वर्ष 2020 के बाद संधारण कार्य के लिए मंडी बोर्ड से राशि प्राप्त नहीं हुई है। राशि नहीं मिलने से इन सड़कों का सुधार नहीं हो पा रहा है। मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की सीईओ तन्वी सुंद्रियाल द्वारा लिखे एक अन्य पत्र में मंडी बोर्ड से कहा गया है कि 250 प्लस आबादी की बसाहटों के लिए पीएम ग्राम सड़क योजना में सड़क बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए प्राधिकरण को देने का निर्णय मंडी बोर्ड द्वारा 6 दिसम्बर 2017 की बैठक में लिया गया है। इस राशि के विरुद्ध अब तक सिर्फ 415 करोड़ रुपए दिए गए हैं और 85 करोड़ रुपए दिया जाना शेष है। राशि नहीं दिए जाने के कारण ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा कराए गए काम के बदले भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसलिए बोर्ड से जल्द राशि देने के लिए कहा गया है।
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