ग्वालियर(देसराग)। भोपाल में पकड़े गए चार आतंकवादियों के मामले में की तह में जाने के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जमात-ए- मुजाहिदीन के चारों आतंकियों से बरामद सामान की जांच की जा रही है। संदिग्ध गतिविधियों और संदिग्ध लोगों को लेकर प्रदेश के सभी थानों को एलर्ट कर दिया है। इस बात की जांच की जा रही है कि ये लोग भोपाल कब आए और कब से यहां रह रहे हैं। मिश्रा ने बताया कि इस बारे में सभी अलग अलग जानकारी दे रहे हैं। इस मामले के तार ग्वालियर से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं।
कल तक साफ हो जाएगी स्थिति
गृह मंत्री ने बताया कि फ़जहर अली उर्फ महमूद मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर अहमद जफरुद्दीन उर्फ इब्राहिम पिता शाहिद पठान फजहर उर्फ अकरम पिता अब्दुल रहमान पकड़े गए हैं। इनके पास से जिहादी साहित्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है और इसके लिए मध्यप्रदेश में अलग से एसआईटी गठित की जा रही है। चार में से तीन ने यह स्वीकार कर लिया है कि वे बांग्लादेश से हैं और जेबीएम से जुड़े हुए हैं। इसलिए इनकी तह में जाकर गंभीरता से जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया जा रहा है और उन्होंने संभावना जताई कि आज शाम तक या संभवत कल तक इस पूरे मामले की तह तक हम पहुंच जाएंगे, उसके बाद आगे क्या करना है इस पर विचार किया जाएगा।
ग्वालियर से भी एक संदिग्ध गिरफ्तार
भोपाल में आतंकवादी संगठन जमात ए मुजाहिदीन के आतंकवादी पकड़े जाने के बाद इस मामले में एक संदिग्ध को एटीएस द्वारा ग्वालियर से भी गिरफ्तार किया गया है। एटीएस ग्वालियर ने कंपू थाना इलाके के खजांची बाबा की दरगाह इलाके से एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा है, हालांकि पुलिस ने अभी संदिग्ध के कलेक्शन को उजागर नहीं किया है। पुलिस की खुफिया विंग पकड़े गये संदिग्ध से पूछताछ कर रही है।
संदिग्धों पर रखी जा रही है नजर
ग्वालियर में इससे पहले भी पंजाब के आतंकवादी, पाकिस्तानी जासूस और संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जा चुके हैं। भोपाल में बांग्लादेशी आतंकवादियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने ग्वालियर में बांग्लादेशी और संदिग्धों की निगरानी शुरू कर दी है। हालांकि इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से कोई दिशा निर्देश पुलिस को नहीं मिले हैं।
इंदरगंज क्षेत्र के डलिया वाले मोहल्ले में 2006 में पाकिस्तानी जासूस अब्बास अली खान को पकड़ा था। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में जासूस सुनील शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। सुनील को वायु सेना स्टेशन की फोटो नक्शे और अन्य दस्तावेज के साथ पकड़ा गया था। जिन्हे वो पाकिस्तान भेज रहा था। संदिग्ध बांग्लादेशी अल मुक्की को भी पुलिस ने स्टेशन बजरिया क्षेत्र से पकड़ा था। कॉल सेंटर की आड़ में हवाला कारोबार समेत देश की कई जरूरी सूचनाएं बाहर भेजे जाने के मामले में एटीएस ने 2017 में जितेंद्र यादव, कुल पंडित, त्रिलोक सिंह भदौरिया और जीपीएस खुल्लर को भी ग्वालियर से गिरफ्तार किया था।
यह है पूरा मामला
मध्यप्रदेश एटीएस ने पुराने शहर के इलाके से करीब आधा दर्जन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने यह कार्रवाई एक दिन पहले सहारनपुर के देवबंद के खानकाह रोड स्थित दारुल उलूम चौक पर बने एक हॉस्टल से पकड़े गए तीन संदिग्धों से पूछताछ के बाद की है। मध्यप्रदेश एटीएस ने आतंकियों के पास से करीब एक दर्जन लैपटॉप और धार्मिक साहित्य बरामद किया है। आतंकी यहां किराए का मकान लेकर रह रहे थे। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। भोपाल एटीएस ने यह कार्रवाई भोपाल के ऐशबाग, निशातपुरा और अशोकागार्डन इलाके में की।
रात तीन बजे घुसी पुलिस, गोली मारकर तोड़ा दरवाजा
ऐशबाग इलाके में देर रात पुलिस के करीबन 50 हथियार बंद पुलिसकर्मी ऐशबाग स्थित एक मकान के पास पहुंचे। उन्होंने गोली चलाकर मकान का दरवाजा तोड़ा। इसके बाद मकान के एक कमरे में रह रहे दो युवकों को दबोच लिया। पुलिस ने कमरे से धार्मिक साहित्य और लैपटॉप बरामद किया है। यह कार्रवाई एटीएस ने की है। एटीएस ने भोपाल के निशातपुरा इलाके के एक मकान से चार और संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से भी कई लैपटॉप और धार्मिक साहित्य बरामद किए हैं।
बेहद खतरनाक है जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी एक खतरनाक आतंकी संगठन है। यह संगठन बांग्लादेश में कई सीरियल ब्लास्ट का जिम्मेदार रहा है। साल 2005 में इस संगठन ने बांग्लादेश के 50 शहरों और कस्बों के 300 स्थानों पर करीब 500 छोटे बम विस्फोट किए थे। संगठन द्वारा बांग्लादेश में बड़े स्तर पर नरसंहार किया गया।
विभिन्न देशों में फैले हैं स्लीपर सेल
साल 2014 में भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें 2 लोग मारे गए थे। साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था। ऐसे घटनाओं में संगठन का नाम आने के बाद भार सरकार द्वारा साल 2019 में इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था। एटीएस के मुताबिक प्रतिबंध के बाद आतंकी संगठन द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके।
पकड़े गए संदिग्ध आतंकी बांग्लादेश निकले
एटीएस द्वारा पकड़े गए संदिग्ध आतंकी से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए सभी संदिग्ध आतंकी बांग्लादेश के रहने वाले हैं। इनकी पहचान फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम (32), मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर अहमद शेख (24), जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान (28) और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान के रूप में हुई है।
पूछताछ में पता चला है कि सभी संदिग्ध आतंकी संगठन जेएमबी के सदस्य थे। भोपाल में रहकर संगठन के लिए स्लीपर सेल तैयार करने का काम कर रहे थे। ताकि भविष्य में किसी बड़ी देश विरोधी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। पुलिस के मुताबिक जेएमबी माॅड्यूल किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
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