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Tuesday, Sep 26, 2023
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राजनीति

क्या गुल खिलाएगी सियासत के बाजीगरों की सिंधिया से “गुफ्तगूं”

भोपाल (देसराग)। कहते हैं सियासत में कभी दोस्ती और दुश्मनी स्थाई नहीं होती। कमोवेश कुछ इसी तरह के हालात इन दिनों मध्य प्रदेश की सियासत में बनते-बिगड़ते दिख रहे है। पहले ग्वालियर-चम्बल अंचल में भाजपा के बड़े क्षत्रपों के साथ गुफ्तगूं इसके बाद बुन्देलखण्ड की मिट्टी की महक के बीच शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव के साथ सियासी मुलाकात और अब सियासत में एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच की करीबियां लगातार बढ़ रही हैं।
बीते रविवार को इन्दौर के होटल सयाजी में इन दोनों क्षत्रपों की मुलाकात भी इसी वजह से सियासी गलियारों की सुर्खियां बटोर रही है। मध्य प्रदेश की सियासत में इन दोनों क्षत्रपों की बढ़ती जुगलबंदी से कई तरह के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। यह समय की बलिहारी ही है कि जब से सिंधिया भाजपा में आए हैं तब से दोनों एक-दूसरे को तवज्जो देना कतई नहीं भूलते हैं, बल्कि विजयवर्गीय की ओर से तो दो कदम आगे बढ़कर इस दोस्ती को और मजबूत करने की कवायद की जा रही है। इनकी बढ़ती नजदीकियों मध्य प्रदेश की सियासत में क्या गुल खिलाएंगी यह तो भविष्य के गर्भ में समाया है लेकिन सियासी जानकार इनकी जुगलबंदी को किसी बड़े परिर्वतन की आहट से जोड़ने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
होटल सयाजी में दोनों नेता आए तो डिवीजनल क्रिक्रेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत करने थे लेकिन कार्यक्रम में देरी को मौके पर चौका लगाने वाली कहावत पर चलते हुए दोनों होटल के सेन्ट्रल हाल में बैठकर सियासी गुणा-गणित लगाते देखे गए। कुछ देर बाद यहीं सिंधिया के परम भक्त माने जाने वाले शिवराज काबीना के जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय के हनुमान यानि विधायक रमेश मैंदोला के साथ वहां पहुंचे और यहीं से सियासत के बाजीगरों के बीच पक रही खिचड़ी को सियासी पंख लग गए।
यहां इस बात का उल्लेख किया जाना बेहद लाजिमी है कि सिंधिया के साथ भाजपा में आए तुलसी सिलावट जब उप चुनाव के रण में सांवेर विधान सभा सीट पर मुश्किल मुकाबले में फंसे हुए थे और सांवेर की सीट पर फतह हासिल करना नामुमकिन सा लग रहा था तब कैलाश विजयवर्गीय के हनुमान यानि रमेश मैंदोला को ही सांवेर विधान सभा सीट का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा गया था और कैलाश के इसी हनुमान की बदौलत ही सिंधिया के तुलसी की ऐतिहासिक जीत मिली थी। तब से तुलसी सिलावट भी कैलाश विजयवर्गीय और उनके हनुमान के मुरीद हो गए है तथा गाहे-बगाहे ही सही रमेश मैंदोला के सियासी रण इन्दौर-दो के सभी पार्टी कार्यकताओं और वहां के मतदाताओं के प्रति उनका नजरिया बेहद संजीदा है। यही नहीं वक्त-बेवक्त भाजपा की सियासत के यह दोनों नेता एक-दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़ना भी नहीं भूलते है।

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