भोपाल (देसराग)। मध्यप्रदेश का बजट विधान सभाएक बार फिर सदन में बिना चर्चा के ही पास हो गया। विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सभी विभागों के लिए अनुदान मांगों पर एक साथ प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद सदन में भारी शोर-शराबे के बाद बिना चर्चा के बजट पास हो गया। इसके बाद सरकार ने आनन-फानन में ग्राम स्वराज संशोधन विधेयक विधानसभा में पास कराया। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस विधायक सदन में लेट गए
प्रश्नकाल के बाद संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शून्यकाल में प्रस्ताव रखा। नियमों को शिथिल करते हुए आज ही सभी कार्यवाही पूर्ण करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया। यहां तक कि कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाहा, सुरेश राजे सहित कई विधायक सदन में लेट गए और सरकार के रवैए का विरोध जताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में चर्चा कराना ही नहीं चाहती। कांग्रेस ने बिना चर्चा के अनुदान मांगों के मतदान कराए जाने का भी विरोध किया।
सदन की कार्यवाही स्थगित करने का विरोध
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि विधानसभा में लोकतंत्र का अपमान किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक एक-एक विषय की तैयारी करके आए थे लेकिन सदन की कार्यवाही पहले ही स्थगित करा दी गई। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के रवैए पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगले सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।
सरकार ने पहले ही कर ली थी तैयारी
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि विधानसभा की कार्यसूची जिस तरह से बड़ी की गई, उससे पहले ही स्पष्ट हो गया था कि सरकार ने विधानसभा स्थगित कराने की तैयारी कर ली। सारे कामकाज आज की ही कार्यसूची में शामिल कर लिए गए।
कांग्रेस ने नहीं चलने दिया सदन
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही स्थगित किए जाने की नौबत आई। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा चलाने का फैसला विधानसभा को तय करना है या फिर कार्यमंत्रणा की बैठक में यह तय किया जाता है।
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