भोपाल (देसराग)। प्रदेश की इकलौती सरकारी “टेक्नीकल यूनिवर्सिटी” राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय में 170 करोड़ की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव के एक सवाल के जवाब में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार सुरेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। इसके साथ ही, विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने अपने सवाल को बदले जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि, सिरौंज में सड़क निर्माण में गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कहने पर बचाया जा रहा है।
आरजीपीवी में हुई 170 करोड़ की गड़बड़ी
कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव ने प्रश्नकाल के दौरान राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 170 करोड़ के अनियमित भुगतान का सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नियमों को दरकिनार करते हुए 170 करोड़ रुपए का अनियमित भुगतान कर दिया गया। यहां औने-पौने दामों में खरीदारी हुई। मामले को लेकर राकेश खरे और डाॅ.एसके जैन की दो सदस्यीय जांच समिति ने रिपोर्ट नवंबर 2021 में संचालनालय को सौंपी थी लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई। इसके जवाब में विभागीय मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जवाब में कहा कि, तत्कालीन रजिस्ट्रार सुरेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए विश्वविद्यालय को कहा गया है। साथ ही उन्होंने अगले 3 माह में कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।
बदल दिए गए हैं सवाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए अपने सवाल को लेकर भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि अधिकारियों ने उनके सवाल को ही बदल दिया। सिंरौज की सड़कों में गड़बड़ी को लेकर 2020 में हुई जांच के बारे सवाल पूछा गया था लेकिन उनका सवाल ही बदल दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि, मामले में हुई गड़बड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कहने पर अधिकारियों को बचाया जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने इसके लिए एक पत्र लिखकर कहा है कि इसकी जांच न कराई जाए, मेरे पास पत्र की काॅपी है। भाजपा विधायक ने मामले में एसआईटी से जांच कराने की मांग की। बाद में संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तीन माह में जांच कराने का भरोसा दिलाया। साथ ही विधान सभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक विधायक डाक्टर गोविंद सिंह ने भी आरोप लगाया कि, उनके सवाल भी बदले जा चुके हैं, इसे सदन गंभीरता से ले।