भोपाल (देसराग)। मध्यप्रदेश सरकार विकास के मंथन के लिए 3 दिन हिल स्टेशन पचमढ़ी पर बिताएगी। इस दौरान सरकार पचमढ़ी में कैबिनेट के अलावा आगामी रणनीति बनाई जाएगी। बताया जा रहा है कि सरकार के इस तीन दिन के आयोजन पर तकरीबन 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कांग्रेस ने सरकार के इस आयोजन को फिजूलखर्जी बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री के मुताबिक क्या भोपाल में कांटे लगे हैं, जो सरकार को रणनीति बनाने पचमढ़ी जाना पड़ रहा है।
3 लाख करोड़ पार पहुंचेगा प्रदेश का कर्ज
प्रदेश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति के अनुसार मार्च 2022 में मध्यप्रदेश पर कर्ज बढ़कर 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ.गोविंद सिंह ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश पर कर्ज बढ़कर 3 लाख 35 हजार करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा। इस कर्ज को चुकाने के लिए सरकार को 2020-21 में कर्ज का ब्याज ही 15 हजार 917 करोड रुपए चुकाना पड़ा, जबकि साल 2021-22 में सरकार को कर्ज का ब्याज 20 हजार 40 करोड़ रुपए भरना होगा। विधानसभा कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल उठाया, पूर्व वित्त मंत्री तरूण भनोट ने पूछा कि प्रदेश के 2022-23 के बजट में सरकार के तमाम आय के स्रोत्र के बाद भी 1.50 लाख करोड़ की भरपाई सरकार कैसे करेगी।
फिजूलखर्जी पर ध्यान नहीं देने से बजट की हालत खस्ता
मध्य प्रदेश की आर्थिक हालत खस्ता है इसके बाद भी सरकार फिजूलखर्ची पर ध्यान नहीं दे रही है। कांग्रेस ने सरकार की तीन दिन की पचमढ़ी यात्रा का विरोध जताया है। प्रदेश सरकार 25 से 27 मार्च तक पचमढ़ी में विकास पर मंथन करेगी। हालांकि सरकार ने दावा किया है कि सरकार के तमाम मंत्री एक ही बस में सवार होकर पचमढ़ी पहुंचेगे और एक साथ ढ़ाबे पर खाना खाएंगे। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब सरकार इस तरह राजधानी से बाहर कैबिनेट मीटिंग कर रही हो।
विधायक बोले उधार लेकर घी पी रही सरकार
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक हर बार इस दौरान तमाम मंत्रियों के अलावा, मंत्री स्टॉफ, अधिकारी और उनकी तमाम गाड़ियां पहुंचती हैं। इस तरह कुल मिलाकर करीबन डेढ़ लोग कैबिनेट में पहुंचते हैं। इनके रूकने, खाने-पीने, वाहन, बैठक व्यवस्था आदि पर करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च आता है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकार पर तीखा निशाना साधा है, उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार सिर्फ कर्ज लेकर घी पीने का काम कर रही है। कर्ज लेकर गाड़ियां खरीद रहे हैं, प्लेन खरीद रहे हैं, पचमढ़ी की यात्रा कराने ले जा रहे है।
विधायकों ने सरकार को घेरा
जीतू पटवारी ने सवाल उठाया कि पचमढ़ी की जगह क्या यह बैठक भोपाल में नहीं हो सकती थी। सरकार कर्ज लेकर सिर्फ अपनी सुख-सुविधाओं में लगा रही है। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार की पचमढ़ी बैठक पर सवाल किया, कि क्या भोपाल की होटल्स में कांटे लगे हैं, जो मंत्रियों को पचमढ़ी लेकर जाना पड़ रहा है। उधर कांग्रेस के आरोपों पर सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक कांग्रेस हर मामले में सिर्फ आरोप लगाती है। कांग्रेस के विधायकों में एक-दूसरे से आगे आने की होड़ मची हुई है।