भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश भाजपा में संगठन महामंत्री को लेकर हुए फेरबदल के बाद भाजपा के नवेले संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने संगठन महामंत्री का कनेक्शन अशोक नगर राशन घोटाले से जोड़कर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। अशोकनगर का राशन घोटाला फिर से चर्चाओं में आ गया है, कांग्रेस का आरोप है कि हितानंद शर्मा के बड़े भाई निकुंज शर्मा राशन घोटाले में शामिल थे। उन्हें इन्हीं के चलते बचाया गया।
चर्चाओं में आया अशोकनगर राशन घोटाला
हितानंद शर्मा अशोकनगर के रहने वाले हैं। इनके संगठन मंत्री बनते ही अशोकनगर का राशन घोटाला फिर चर्चाओं में आ गया है। कांग्रेस का आरोप है कि हितानंद शर्मा के बड़े भाई निकुंज शर्मा राशन घोटाले में शामिल थे और उन्हें हितानंद शर्मा के प्रभाव के चलते ही बचाया गया था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस दिन राशन की कालाबाजारी और पीएस मशीन में फर्जी एंट्री के मामले में आरोपी बनाए गए निकुंज शर्मा पर की गई सारी कार्रवाई को रोका गया था, उसी दिन से लग गया था कि, जल्दी भाजपा में हितानंद शर्मा को बड़ा पद मिलने वाला है।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने भी बोला हमला
प्रदेश कांग्रेस के महासचिव केके मिश्रा ने भी हितानंद शर्मा और उनके भाई पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि अशोकनगर में लाखों रुपए का घपला करता राशन माफिया अपने सगे बड़े भाई, जिसके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज हुई। उसको खत्म करवाने वाले हितानंद शर्मा जी को राशन माफियाओं की ओर से बधाई ‘अब तुम रक्षक काहू को डरना’। शिवराज जी अब किस को जेल भेजेगें, कुलपति भी माफियाओं का संरक्षक आरएसएस का भी आभार?
कालाबाजारी और पीएसओ मशीन में फर्जी एंट्री का मामला
कांग्रेस के निशाने पर हितानंद शर्मा इसलिए हैं, क्योंकि अशोकनगर जिले में गरीब कल्याण योजना के तहत हितग्राहियों के लिए आवंटित राशि की कालाबाजारी और पीएसओ मशीन में फर्जी एंट्री का बड़ा मामला सामने आया था। तब भी कांग्रेस ने इस मामले को उठाते हुए फर्जी एंट्री के आरोपी निकुंज शर्मा को हितानंद शर्मा का बड़ा भाई बताते हुए हितानंद से इस्तीफे की मांग की थी।
जानें कौन हैं हितानंद शर्मा
भाजपा के नए संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा आरएसएस के विद्या भारती संगठन में लंबे समय तक रहे। मध्यप्रदेश में उनकी एंट्री कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद तब हुई, जब भाजपा में तत्कालीन संगठन मेंत्री रहे सुहास भगत ने सियासत से अपने आपको दूर करने की बात कहते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से भाजपा संगठन महामंत्री के पद से कार्यमुक्त करने की इच्छा व्यक्त की थी और सुहास भगत के इसी फैसले के बाद हितानन्द शर्मा को उनके संगठन महामंत्री के पद से कार्यमुक्त होने से पहले सह संगठन महामंत्री नियुक्त कर सारी जिम्मेदारियां समझने को कहा गया थाए तभी इस बात के संकेत मिल गए थे कि अब सुहास भगत की जगह हितानन्द शर्मा ही संगठन महामंत्री का दायित्व संभालेंगे। अब हितानंद शर्मा के सामने भाजपा में बन चुकी अलग-अलग शक्ति केंद्रों के बीच समन्वय स्थापित करने की बड़ी चुनौती होगी। वहीं सिंधिया गुट के नेताओं को दोबारा भाजपा में एडजेस्ट करना भी चुनावों के समय एक बड़ी चुनौती होगी।
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