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Sunday, Mar 26, 2023
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सिंधिया ट्रस्ट के खिलाफ याचिका पर उच्च न्यायालय ने किया दखल से इनकार

ग्वालियर (देसराग)। ग्वालियर शहर के मध्य महलगांव की सरकारी सर्वे की जमीन को सिंधिया परिवार द्वारा कमलाराजा चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम दर्ज कराए जाने की कवायदों के चलते एडवोकेट ऋषभ भदौरिया की ओर से उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ में में दायर याचिका पर हस्तक्षेप करने से उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय में याचिका लगाने वाले वकील अपनी शिकायत का आवेदन जिले के सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कह रहे हैं।
याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया ने उच्च न्यायालय को बताया था कि 2018 में इस बेशकीमती जमीन को क्षेत्र के तहसीलदार ने ट्रस्ट के नाम दर्ज कर दिया था। सरकारी जमीन सर्वे नंबर 398, 302, 419, 420, 420, 1235, 1201, 1236, 1242, 401, 1245, 402, 403, 415, 416, 418, 397, 417, 411, 412, 413 की यह पूरी जमीन मिसल बंदोबस्त के तहत 2018 तक शासकीय रही है लेकिन अधिकारियों ने अब इसे निजी कर दिया है। इसी जमीन के संबंध में कमलाराजा ट्रस्ट की एक अपील सर्वोच्च न्यायालय से पहले भी खारिज हो चुकी है। अब याचिकाकर्ता सिंधिया ट्रस्ट के इस जमीन की जांच के लिए जिला कलेक्टर के साथ ही सक्षम अधिकारी को अपना शिकायती आवेदन प्रस्तुत करेंगे।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सिंधिया ट्रस्ट से संबंधित एक अन्य याचिका को पहले भी खारिज कर चुका है। इस याचिका में शारदा विहार स्थित कुत्तेवाली समाधि की जमीन को विक्रय के लिए निरस्त कर उसे सरकारी घोषित करने की मांग की गई थी। इस याचिका में ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य लोगों को प्रतिवादी बनाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत हो रहा, जैसे याचिका सुनियोजित इरादे से दायर की गई हो, क्योंकि याचिकाकर्ता खुद जमीन को सरकारी घोषित करने की मांग कर रहा है। यह याचिका सुरेंद्र श्रीवास्तव ने ग्वालियर उच्च न्यायालय में दाखिल की थी। याचिका में तर्क दिया गया था कि महलगांव के सर्वे क्रमांक 916 पर सरकारी जमीन पर कुत्तेवाली समाधी बनी हुई है। जिसे 2009 में गलत तरीके से विक्रय किया गया। याचिकाकर्ता की मांग थी कि जमीन को सरकारी घोषित किया जाए लेकिन उच्च न्यायालय ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद इस याचिका को खारिज कर दिया था।

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