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Thursday, Dec 7, 2023
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राजनीति

2023 की जीत के लिए हार्ड हिंदुत्व की ओर शिवराज!

देसराग डेस्क।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब हार्ड हिंदुत्व की राह पर चलना शुरु कर दिया हैं। अभी तक मामा की छवि सर्वधर्म समभाव वाली रही है लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की जीत के बाद प्रदेश के मुखिया भी राम की राह पर चल पड़े हैं। शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों से त्यौहारों को देखते हुए निर्देशित किया है, होली मिलन समारोह मनाएं और जनता के बीच रंगपंचमी तक अबीर-गुलाल के साथ होली खेलें। इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश जाएगा और आप की जमीनी पकड़ और मजबूत होगी।
हिन्दू वोट बैंक के सहारे भाजपा
प्रदेश सरकार भी भाजपा के वोटिंग अभियान को 42 से 52 फीसदी लाने के लिए मैदान में है। उसका फोकस हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाना है। जानकारों की मानें तो भाजपा ने वोटिंग परसेंट को बढ़ाने की रणनीति में तय किया है, कि हिंदू वोटर्स को अपनी तरफ कर लिया जाए तो आसानी से 52 प्रतिशत वोट बैंक पूरा हो सकेगा। साथ ही आने वाले सालों में भाजपा को सत्ता का सुख मिलता रहेगा। अब भाजपा सहित शिवराज के एजेंडा में हिंदू वोटर्स हैं।
2023 के मिशन को लेकर बनाई रणनीति
उत्तर प्रदेश में भाजपा को हार्ड हिंदुत्व का कार्ड फायदे का सौदा साबित हुआ, जिसने कमर तोड़ मंहगाई के साथ साथ पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को बेअसर कर दिया। इसी तर्ज पर अब शिवराज सरकार भी चल पड़ी हैं, आदिवासियों वोट बैंक को साधने की कवायद हम देख रहे हैं। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा, सामान्य वर्ग के लिए आयोग और उन्हें साधने के लिये विशेष योजना पर फोकस। संघ के एजेंडे के मुताबिक हिन्दू वोट को फोकस करना है और इस वोट बैंक को साध लिया तो भाजपा को 2023 का मिशन पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि पार्टी अन्दर की रणनीति का खुलासा नहीं करना चाहती, उसका मानना है कि भाजपा सर्व धर्म समभाव की नीति पर काम करती है। पार्टी सबका साथ सबका विकास की सोच के साथ आगे आयी है, कांग्रेस की ये मंशा गलत है कि शिवराज हार्ड हिंदुत्व की राह पर चल रहे हैं।
जनता ने कांग्रेस को नकारा, मुखर हुई भाजपा
चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस का सफाया हुआ है उसको देखते हुए भाजपा अब और मुखर होकर हिंदुत्व की बात करने लगी है। हालांकि मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एजेंडे से हटकर खुले तौर पर संघ के हिंदुत्व की राह को बढ़ाने में आगे रहे हैं। अब कांग्रेस को भी लग रहा है कि वो मुस्लिम वोट बैंक के सहारे सत्ता में काबिज नहीं हो सकती। लिहाजा कांग्रेस भी हिन्दू वोट बैंक के लिए मंदिर मंदिर गई, लेकिन उसका ये मंत्र नही चला। हालांकि कांग्रेस भाजपा के हार्ड हिंदुत्व की राह को भ्रमित करने वाला बता रही है।
राम नाम के सहारे भाजपा
सरकार ने मध्यप्रदेश में भी राम के नाम पर वोट भुनाने की तैयारी कर ली है। संस्कृति विभाग बड़ा आयोजन करने की तैयारी में है, सबसे भव्य समारोह ओरछा-चित्रकूट में होगा। जिन जगहों से राम गुजरे, नवरात्रि में वहां रामलीला होगी, जनजातियों से उनका लगाव दिखाने पर जोर दिया जाएगा। अब सरकार राम राज्य की बात करने लगी है, उसकी रणनीति हिन्दू वोट बैंक को रिझाने की है। संघ के एजेंडा को मध्यप्रदेश में भी आगे बढ़ाया जा रहा है, सत्ता और सरकार आने वाले त्यौहारों की तैयारी में जुट गई है। आने वाले दिनों में हर त्योहार उत्सव की तरह मनाया जाएगा।
राममय हुए शिवराज
उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों में मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यकर्ताओं से कहा कि 2023 की तैयारी में जुट जाएं। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में उम्मीद से ज्यादा सीटें भाजपा को मिली उस लिहाज से प्रदेश भाजपा और शिवराज राम मय दिखाई दे रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण सरकार के बजट में दिखा, जहां भगवान श्रीराम का नाम लेकर बजट की शुरुआत की गई। इसके अलावा, सिर पर भगवा रंग की पगड़ी एवं गमछा पहनकर तथा तिलक लगाकर आये एक मंत्री ने भी सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

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