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Monday, Oct 2, 2023
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कमलनाथ की “एकला चलो” नीति से खफा अरुण ने जताई नाराजगी

भोपाल (देसराग)। मध्यप्रदेश कांग्रेस की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। इसकी वजह है पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव की दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ करीब 45 मिनट की मुलाकात और इस मुलाकात के दौरान मध्य प्रदेश के सियासी हालात पर अरुण यादव द्वारा कांग्रेस मुखिया को सौंपी गई रिपोर्ट को माना जा रहा है।
इस मुलाकात के दौरान उनके द्वारा कहा गया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के पास नेता और कार्यकर्ता हैं, लेकिन सक्रिय नहीं है। यादव ने इसके अलावा प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के कामकाज की शिकायत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में जिस तरह से काम किया जा रहा है उस हिसाब से 2023 के विधानसभा चुनाव को भाजपा के मजबूत संगठन और युवा तुर्क कार्यकर्ताओं की फौज के सामने मजबूती से लड़ पाना मुश्किल है। उन्होंने इस मुलाकात में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की “एकला चलो” की नीति की शिकायत करते हुए उसमें बदलाव की मांग करते हुए पार्टी के सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की वकालत भी की।
यादव पार्टी के बेहद वरिष्ठ नेता हैं इसके बाद भी वे बीते दो साल से प्रदेश में कांग्रेस संगठन द्वारा उपेक्षित चल रहे हैं। यादव भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद रिक्त हुई खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के यादव प्रबल दावेदार थे। वे सीट रिक्त होने के बाद से ही इलाके में पूरी तरह से सक्रिय हो गए थे लेकिन अंतिम समय में उन्हें चुनाव लड़ने से इंकार करना पड़ गया था। इसके बाद से ही उनकी प्रदेश संगठन को लेकर जमकर नाराजगी बनी हुई है। यही नहीं प्रदेश संगठन द्वारा उनके समर्थक माने जाने वाले दो जिलाध्यक्षों को भी हटा दिया गया था। इसके बाद से उन्हें न तो संगठन की बैठकों में बुलाया जाता है और न ही पार्टी के कार्यक्रमों में तवज्जो दी जा रही है। ऐसे हालात में उनके द्वारा सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय मांगा गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें बीती शाम का वक्त दिया था।
सूत्रों का कहना है कि मुलाकात के दौरान यादव ने मध्यप्रदेश के संगठन को इलेक्शन मोड में लाने के लिए एक कार्य योजना भी सोनिया गांधी को सौंपी है। इस कार्ययोजना में यादव ने कांग्रेस संगठन को प्रदेश में कैसे सक्रिय किया जाए, इसको लेकर कई बिंदुओं में जानकारी दी है। बताते हैं कि चर्चा में मध्यप्रदेश के कांग्रेस संगठन में क्या चल रहा है और क्या होना चाहिए? इस मुद्दे पर खासा फोकस रहा।
दिग्विजय ने भी की बात
बीते रोज नई दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यादव से फोन पर बात की। एक घटे इस घटनाक्रम ने नए समीकरणों के उभरने के संकेत दिए हैं, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस में जल्द ही कुछ बड़े पदों पर बदलाव की अटकलें हैं। दिग्विजय ने उन्हें डिनर पर भी आमंत्रित किया था लेकिन वे शाम को भोपाल आ गए।

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