इंदौर/भोपाल (देसराग)। मध्य प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री व मीडिया प्रभारी के.के.मिश्रा ने व्यापमं के तीसरी बार बदले गए नाम “कर्मचारी चयन बार्ड” द्वारा मप्र प्राथमिक पात्रता शिक्षक वर्ग-3 की परीक्षा में प्रश्रपत्र लीक कर अयोग्य परीक्षार्थियों की पूर्व नियोजित भर्ती का गंभीर आरोप लगाया है।
इसके साथ ही उन्होंने कि जब परीक्षा ऑनलाइन हो रही है और इसमें मोबाइल फ़ोन पूरी तरह वर्जित है तो मुख्यमंत्री के मौजूदा ओएसडी लक्ष्मणसिंह नौसेना आयुध संगठन में कार्यरत थे,जिन्हें रक्षा मंत्रालय से प्रतिनियुक्ति पर लाकर उपसचिव,मप्र शासन के रूप में पदस्थ किया गया (वे आदिवासी मामलों को देख रहे हैं) के मोबाइल पर 25 मार्च को सम्पन्न 35 पृष्ठीय प्रश्नपत्र और आंसरशीट कैसे पहुंची? कांग्रेस नेता ने उनका मोबाइल त्वरित जब्त कर निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है।
मिश्रा ने कहा कि पूर्व में भी सुर्खियों में आये व्यापमं घोटाले में भी मुख्यमंत्री के शासकीय आवास में ही रह रहे तत्कालीन ओएसडी प्रेमप्रकाश का नाम बतौर आरोपी सामने आया था और उन्हें जिला न्यायालय भोपाल से अग्रिम जमानत भी करवानी पड़ी थी। मिश्रा में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से सादर आग्रह किया है कि वे कम से कम इस गंभीर मुद्दे की तो ईमानदारीपूर्वक व निष्पक्ष जांच करवाएं ताकि व्यापमं से लेकर मौजूदा वह कर्मचारी चयन बोर्ड शिक्षित बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न कर सके।
मिश्रा ने कहा कि 10 सालों में 455 करोड़ रुपए सिर्फ बेरोजगारों से फीस के रूप में ही वसूले हैं और जो सिर्फ महाभ्रष्टाचार की शक्ल अख्तियार कर अब तक अपनी छवि तक नहीं सुधार पाया है।