3.9 C
New York
Wednesday, Dec 6, 2023
DesRag
राजनीति

वीआईपी के अध्यक्ष सहनी नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर

न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम 

डॉ. प्रमोद कुमार
पटना(देसराग)। जाते-जाते वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी को भी नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। यह वही सहनी हैं जिन्होंने पिछले कुछ दिनों से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सहनी ने भाजपा को हराने के लिए कई उम्मीदवार उतारे थे। सहनी के इस दुस्साहस की खबर तो ली ही जानी थी, बस समय का इंतजार था। सबसे पहले उनके तीन विधायक तोड़े और अब उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया है।
बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्रालय संभाल रहे सहनी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मछुआरों और विभाग को धोखा दिया है। जायसवाल ने यह भी कहा था कि सहनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सहनी अब विधान परिषद सदस्य एमएलसी के रूप में अपनी पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि बचे हैं। सहनी पूर्व में विद्रोही तेवर दिखा चुके हैं। उन्होंने बिहार भाजपा के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि शुरू से ही उन्हें तोडऩे की साजिश की जा रही थी। वीआईपी छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले तीन विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और स्वर्ण सिंह हैं।
सहनी अब क्या करेंगे?
कहा जाता है राजनीति में चूक करना राजनीतिज्ञ का काम नहीं होता। पग-पग फूंककर चलना होता है। सहनी ने दमदार प्रदर्शन कर सभी को चौंकाया था। लेकिन राजनीतिक दूरदर्शिता उनके अंदर नहीं थी। वे चाहते तो हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी को साथ लेकर राष्ट्रीय जनता दल के साथ चुनाव बाद गठबंधन करके तेजस्वी यादव की स्थाई सरकार बनवा सकते थे। उन्हें इसके लिए ऑफर भी दिए गए लेकिन भाजपा के भौकाल में वे अवसर से चूक गए। फिर अगर राजग का वे हिस्सा बन ही गए थे तो उन्हें भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की क्या जरूरत थी? इस लिहाज से देखा जाए तो उन्होंने अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार ली है। सडक़ों से संघर्ष कर सत्ता तक पहुंचे सहनी के लिए यह असाधारण उपलब्धि थी। लेकिन वे इसे भुना नहीं पाए। भाजपा इस समय छोटे दलों को बैसाखी बनाती है फिर मगरमच्छ की तरह निगल जाती है। सहनी इसी रणनीति का शिकार हुए हैं। उनके पास संगठन इतना बड़ा नहीं है कि वे फिर से संघर्ष कर पाएं। अब उनको लेकर यही सवाल है कि आगे क्या करेंगे? फिलहाल इसका उत्तर अभी तो नहीं है हां समय बढ़ने के साथ उत्तर भी मिल जाएगा।

Related posts

कमलनाथ को उम्मीद, ग्वालियर चंबल से ही निकलेगा सत्ता वापसी का रास्ता

desrag

क्या कांग्रेस के गद्दारों का भाजपा काटेगी टिकिट?

desrag

नरोत्तम ने कांग्रेस पर किए वार, बोले- कांग्रेस में लोकतंत्र गायब!

desrag

Leave a Comment