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Monday, Oct 2, 2023
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शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक मामला उठाने पर केके मिश्रा के खिलाफ एफआईआर, कांग्रेस भड़की

भोपाल(देसराग)। कांग्रेस नेता केके मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिक्षक वर्ग 3 के पेपर लीक मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने प्रश्नपत्र लीक होने के लिए मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मण सिंह को जिम्मेदार बताया। इसके बाद लक्ष्मण सिंह की शिकायत पर भोपाल के अजाक्स थाने में मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। कांग्रेस नेता केके मिश्रा पर ईमानदार अधिकारी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है। अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
ओएसडी ने की अजाक्स थाने में शिकायत
अजाक्स थाने को मिली शिकायत में कहा गया है कि फरियादी लक्ष्मण सिंह मरकान मुख्यमंत्री निवास में उपसचिव ने आरोपी आनंद राय और केके मिश्रा पर आरोप लगाया है। केके मिश्रा व आनंद राय द्वारा इस मामले में जो सोशल मीडिया पर पोस्ट अपलोड की गई है, उससे उनकी छवि धूमिल हुई है। अजाक्स द्वारा धारा 419, 469, 470, 500, 504,120 बी के साथ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। वहीं मामला दर्ज होने के बाद के मिश्रा ने फिर से ट्वीट किया है। इसमें लिखा है कि धन्यवाद सरकार अन्य मामलों में मुझे डरा या खरीद नहीं पाए तो अब एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग कर एफआईआर की गई है। मुझे खुशी होती अगर इसके पहले शिक्षक भर्ती वर्ग-3 परीक्षा में धांधली को लेकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर होती। आगे लिखा है कि सच व भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने से न तब डरा था, न अब डरूंगा।
केके मिश्रा के समर्थन में उतरे अरुण यादव
शिक्षक वर्ग 3 का पेपर लीक होने के मामले में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा और आनंद राय के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कांग्रेस उनके समर्थन में उतर आई है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा है कि भ्रष्टाचारियों को सरकार का संरक्षण है। सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे, न कि आवाज उठाने वालों के खिलाफ। आखिर सबको पता चलना चाहिए कि लक्ष्मण सिंह कौन है? कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि एक साल पहले पीईबी ने ही कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा भी ली थी। जांच में भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप सच साबित हुए थे। परीक्षा कैंसल हुई लेकिन इसमें भी गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पीईबी ने जांच शुरू की
उधर, पेपर लीक होने के मामले में (पीईबी) ने इसकी जांच शुरू कर दी है। पीईबी के पीआरओ जेपी गुप्ता के मुताबिक चेयरमेन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के आदेश के बाद स्थिति साफ हो पाएगी। गौरतलब है कि स्क्रीन शॉट बाहर आने के बाद सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल फोन ले जाने की सख्त मनाही है। और अगर कम्प्यूटर से पेपर का फोटो खींचकर बाहर भेजा गया तब भी व्यवस्था पर सवाल हैं।
क्या था व्यापमं घोटाला
व्यापमं के माध्यम से संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कांस्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व नापतौल निरीक्षक आदि की भर्तियां की गईं थीं। व्यापमं की तमाम भर्तियों में से करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया था। इन संदिग्ध भर्तियों की जांच अभी चल रही है। मेडिकल एक्जाम में भी बड़ी धांधली हुई थी। कई रसूखदारों को इसमें जेल भेजा जा चुका है। कुछ जेल में हैं। कुछ जमानत पर बाहर हैं। यह मामला करीब 9 साल पहले 2013 में उछला था। धीरे-धीरे यह फैलता गया। मप्र उच्च न्यायालय की निगरानी में एसटीएफ ने इसकी जांच की थी।

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