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Thursday, Dec 7, 2023
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मामाजी, आपके राज में हर रोज 40 लोग कर रहे हैं आत्महत्या!

भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश में युवाओं की आत्महत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक यहां 40 लोग रोज आत्महत्या कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार के पास आत्महत्याओं को रोकने के लिए काउंसलिंग जैसी कोई हेल्प लाइन भी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है की अच्छी काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन यदि राज्य सरकार के पास हो तो 50 फीसदी मेंटल केसेस सुधारे जा सकते हैं, जो कि आत्महत्या कर लेते हैं और इनमें सबसे ज्यादा युवा है जिनकी उम्र 13 से 18 साल है।
आंकड़े चौंकाने वाले हैं
दुर्घटना, मौत और सुसाइड रिपोर्ट 2020 के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्यों में सबसे आगे है, जहां पर आत्महत्या के मामले सबसे ज्यादा हैं और राजधानी भोपाल में प्रतिदिन एक व्यक्ति आत्महत्या करता है लेकिन यहां राज्य सरकार ने किसी भी तरह का काउंसलिंग सेंटर नहीं खोल रखा है या फिर ऐसी हेल्पलाइन जो मानसिक अवसाद से गुजर रहे युवा को सही रास्ता बता सके।
भोपाल में आत्महत्या के मामले
2022 (27 जनवरी तक के आंकड़े)
2021 : 452
2020 : 485
2019 : 414
2018 : 480
2017 : 486
स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि “राज्य सरकार केंद्र द्वारा संचालित हेल्प लाइन के जरिए सुसाइड के मामले देखती है, हम केंद्र सरकार का इंतजार कर रहे हैं कि वह मध्य प्रदेश को काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन स्टाफ उपलब्ध कराए”। चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि टेली मेडिसिन हेल्थ प्रोग्राम 24 घंटे शुरू करने पर फ्री काउंसलिंग दी जाएगी और ऐसे लोगों का ध्यान रखा जाएगा और जल्दी मध्यप्रदेश में भी ऐसे सेंटर खोले जाएंगे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि 75 फीसदी मानसिक रोग 24 साल की उम्र के पहले शुरू हो जाते हैं, खासतौर से बच्चे बड़े होते हैं और यदि मानसिक अवसाद का इलाज नहीं कराया तो डिप्रेशन के चलते बच्चे आत्महत्या भी कर लेते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर चौथा व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है और यदि बच्चों को मानसिक अवसाद से बचाना है, तो समर्पित हेल्पलाइन (डेडीकेटेड हेल्पलाइन) और काउंसलिंग की जानी चाहिए ऐसा करने से जो आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं उनमें रोक लगेगी।
परीक्षा और रिजल्ट के समय बढ़ जाते हैं मामले
महिलाओं के उत्पीड़न के साथ-साथ अन्य मामलों में काउंसलिंग देने वाली संस्थान का कहना है “हम महिलाओं और बच्चियों को जो उनकी परेशानियां है, उसके लिए काउंसलिंग करते हैं, डिप्रेशन के लिए भी काउंसलिंग की जाती है, लेकिन यह सच है कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से आत्महत्याओं को रोकने के लिए कोई भी सेंटर नहीं खोला गया है। महाराष्ट्र सरकार ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हेल्प सेंटर खोल रखे हैं।

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