उज्जैन(देसराग)। विक्रम विश्वविद्यालय से आज एक ऐसा मामला सामने आया जहां, स्पीड पोस्ट से आए एक शिकायत पत्र से हड़कंप मच गया। दरअसल शिकायत पत्र में बॉटनी के एक प्रोफेसर पर छात्रा द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल, शिकायत किसने की है ये बात अब तक सामने नहीं आई है। वहीं शिकायत पत्र में छात्रा को अपनी बहन बताकर प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग की गई है।
रंजिश और शरारत
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पर शिकायत करने वाले ने अपने आपका नाम राम कुमार और उज्जैन जिला कोर्ट का बार कौंसिल का सदस्य बताया है। पत्र में पिनकोड तो लिखा गया है लेकिन शिकायटकर्ता ने अपना मोबाइल नंबर नहीं लिखा। इसी के चलते कई लोग इस पत्र को रंजिश और शरारत के चलते लिखे गए पात्र के रुप में भी देख रहे हैं। इतना ही नहीं, शिकायती पत्र में एक कृष्णा नाम की एक महिला का जिक्र किया गया है। आरोप हैं कि प्रोफेसर कुमावत ने पीड़ित छात्रा को कृष्णा के घर जाने का कहा और बताया कि उसके घर जाओगी तो तुम्हारे अंदर कॉन्फिडेंस आ जाएगा। इसके साथ ही शिकायत पत्र में प्रोफेसर और कृष्णा नाम की महिला के बीच अवैध संबंधों का भी जिक्र है।
प्रोफेसर ने दी सफाई
इस मामले पर प्रोफेसर का कहना है कि मुझ पर लगे आरोप निराधार है। विश्वविद्यालय से जुड़े किसी कर्मचारी की साजिश है जल्द ही पुख्ता प्रमाण के साथ सामने साजिशकर्ता को लाऊंगा। इसके साथ ही, उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति ने जांच बैठाई है। उन्होंने कहा कि, पत्र पूरी तरह फर्जी दिख रहा है, जिस भाषा का उपयोग पत्र में किया गया है वो भी सही नहीं है। हालांकि, शिकायत गंभीर है इसलिए हमने महिला प्रोफेसर की टीम गठित की है जो सात दिन में जांच करके देगीं। उन्होंने यह भी कहा कि, पूरा मामला परीक्षा केंद्र से संबंधित दिख रहा है, फिलहाल जांच जारी है।
8 जगह भेजा गया शिकायती पत्र
शिकायती पत्र ना सिर्फ विश्वविद्यालय के कुलपति बल्कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल के पास भी भेज गया है। शिकायत पत्र में बॉटनी के विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर डीएम कुमावत पर छात्रा के साथ मिलकर यौन शोषण करने के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में एमएससी की छात्रा का हाथ पकड़ने सहित विभाग में नौकरी देने का झांसा देने की बात भी लिखी गई है। साथ ही, पत्र में धमकी भी लिखी गई है। पीड़ित छात्रा की शादी का हवाला देकर लिखा गया है कि, बहन की शादी भी करनी है इसलिए हम लोग खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं, शिकायती पत्र को आठ जगह भेजा गया जिसमें सभी कार्य परिषद सदस्य सहित उज्जैन एसपी भी शामिल हैं।