ग्वालियर(देसराग)। ग्वालियर में फूलबाग से किले तक बनने वाले रोप वे का सफर आखिर थम गया। करीब 50 साल पुराने इस प्रोजेक्ट को नगर निगम ने अपने बजट में शामिल ना कर यह बता दिया कि ग्वालियर में विकास से जुड़े जो भी काम होंगे उनका रास्ता महल से होकर ही जाएगा।
ग्वालियर किले के सफर को आसान बनाने के लिए तत्कालीन जनता पार्टी की सरकार के समय रोप वे की परिकल्पना की गई थी। लेकिन इन पांच दशकों में यह प्रोजेक्ट परवान नहीं चढ़ सका। पिछले कई सालों से नगर निगम इस परियोजना को पूरा करने के लिए अपने बजट में प्रावधान करता आ रहा है। लेकिन इस बार यह परियोजना बजट से ही बाहर कर दी गई और इससे यह भी साफ हो गया कि रोप वे अब नहीं बनेगा। ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर इस परियोजना को पूरा कराने के लिए प्रयासरत थे लेकिन बात नहीं बन पाई।
हमेशा के लिए दफन हो चुके रोप वे प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए डेढ़ दशक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फूल बाग में इसका भूमि पूजन भी किया था। दरअसल रोपवे में सबसे बड़ी अड़चन ग्वालियर किले पर बना सिंधिया स्कूल है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि सिंधिया स्कूल का प्रबंधन किसके हाथ में है। ऐसे में लाख कोशिशों के बाद भी सांसद विवेक शेजवलकर इस परियोजना को पूरा नहीं करा सके। यह स्थिति तब रही जबकि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारें हैं।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कभी नहीं चाहा कि रोप वे बने। जब वह कांग्रेस में थे और अब जब वह भाजपा में हैं, उन्होंने इस परियोजना को आगे ना बढ़ने देने में पूरी कोशिशें की। हालांकि इस बात को पूरी भाजपा जानती है कि इस परियोजना में किसने रोड़े अटकाए लेकिन ना तो कभी सांसद विवेक शेजवलकर की तरफ से और ना ही महल की तरफ से इसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया। और अब जबकि रोपवे की कहानी ही खत्म हो चुकी है, यह साफ हो गया है कि ग्वालियर चंबल अंचल में जो भी होगा वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के हिसाब से ही होगा। हैरानी की बात यह है कि इस मुद्दे पर नगर निगम के आला अधिकारी भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। नगर निगम प्रशासक और संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना और नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल इस पूरे मामले में कुछ भी साफ-साफ कहने से बच रहे हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में जिस तरह कद बढ़ रहा है उससे नौकरशाही को भी समझ में आ गया है कि उन्हें किस तरह काम करना है। रोप वे सैलानियों के लिए सुविधाजनक तो है ही यह पर्यटन को बढ़ाने में मददगार भी साबित हुआ है। यह भी देखा गया है कि तमाम छोटे-बड़े शहरों में जहां पिछले कुछ सालों में रोप वे का उपयोग किया गया है वहां पर्यटक इसके प्रति आकर्षित हुए हैं और यह पर्यटन को बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है।