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Sunday, Sep 24, 2023
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रिसते और दरकते बांधों ने बढ़ाई चिंता

भोपाल(देसराग)। बुंदेलखंड के छतरपुर और टीकमगढ़ जिले के बॉर्डर पर बने बान सुजारा बांध के छह गेट और गैलरी में बड़ा लीकेज हो गया है। इससे दोनों जिलों के 52 गांवों के ऊपर तबाही का खतरा पैदा हो गया है। दरअसल, प्रदेश में करीब आधा सैकड़ा बांध ऐसे हैं ,जो पुराने होने के कारण जर्जर स्थिति में आ गए हैं। दरकते और रिसते बांधों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। जल संसाधन विभाग ने 27 ऐसे बांधों को चिन्हित किया है, जिनकी मरम्मत जरूरी है। जल संसाधन विभाग जल्द की निविदा आमंत्रित करके काम शुरू कराएगा।
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार श्योपुर जिले में वर्ष 1908 में निर्मित वीरपुर, वर्ष 1910 में सिवनी जिले में निर्मित रुमल और 1913 में धार जिले में बने माही सहित प्रदेश के 27 बांधों की सरकार मरम्मत कराएगी। इन बांधों की दीवार में कहीं- कहीं दरार आ चुकी हैं या कहीं-कहीं मिट्टी धंस रही है। मरम्मत कार्य के लिए सरकार ने 551 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। अब जल संसाधन विभाग निविदा आमंत्रित करके काम शुरू कराएगा।
सरकार बांधों की सुरक्षा को लेकर गंभीर
जल संसाधन विभाग के अफसरों का कहना है कि वर्ष 2019 में गांधी सागर बांध से पानी के रिसाव और पिछले साल ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में अतिवृष्टि के बाद सरकार बांधों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हो गई है। प्रदेश में ज्यादातर बांध 35 साल पुराने हैं। जबकि, तीन बांधों (वीरपुर, रुमल और माही) को बने हुए सौ साल से अधिक हो चुके हैं। बांधों की मरम्मत की जरूरत को देखते हुए बारिश से पहले मरम्मत सहित अन्य विकास के काम की कार्य योजना बनाई गई है। जिन बांधों की मरम्मत होनी है उनमें इंदौर का देपालपुर और चोरल, सागर का चंदिया नाला, मंसूरवारी और राजघाट, खंडवा का भगवंत सागर, मंदसौर का गांधी सागर, काकासाहेब गाडगिल सागर और रेताम, भोपाल का कलियासोत, केरवा और हथाईखेड़ा, बैतूल जिले का चंदोरा, नर्मदापुरम का डोकरीखेड़ा, सीधी का कंचन टैंक, शिवपुरीकाकुडा, टीकमगढ़ का वीर सागर और नंदनवारा , मंडला का मटियारी, आगर मालवा का पोपलिया कुमार, धार का सकल्दा, रतलाम का रुपनियाखाल,शाजापुर का तिल्लार और कटनी का बोहरीबंद बांध शामिल हैं।
12 साल पहले की सलाह नहीं
बांधों की वर्तमान स्थिति पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भी आपत्ति की थी और सरकार को मरम्मत कराने की सलाह दी थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि मंदसौर जिले में चंबल नदी पर बना गांधी सागर बांध कमजोर हो गया है। बांध के डाउन स्ट्रीम में गहरे गड्ढे हो गए हैं। वर्ष 2019 में इस बांध से पानी का रिसाब भी ज्यादा हुआ था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बांध की सुरक्षा को लेकर बांध सुरक्षा निरीक्षण पैनल (डीएसआइपी), केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने 12 साल पहले जो सिफारिश की थी, वह पूरी नहीं की गई।
बुंदेलखंड के सबसे बड़े बांध में लीकेज
बुंदेलखंड के छतरपुर और टीकमगढ़ जिले के बॉर्डर पर बने बान सुजारा बांध के छह गेट और गैलरी में बड़ा लीकेज हो गया है। इससे दोनों जिलों के 52 गांवों के ऊपर तबाही का खतरा है। गैलरी में पानी ज्यादा होने की वजह से सुधार का काम नहीं हो पा रहा है। लीकेज का मामला सरकार तक पहुंच गया है। इसका निर्माण हैदराबाद की जेवीआर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया। 250 करोड़ की लागत से 2018 में बनकर तैयार हुआ। बांध में कुल 12 गेट है, जिसमें से छह गेट में हल्के लीकेज हो गए हैं। गैलरी में बड़ा लीकेज है। गैलरी को खाली कराने के लिए 50 हॉसपावर की मशीन लगाई है, लेकिन पानी खाली नहीं हो रहा है। बांध में शुरू से ही लीकेज है और मिट्टी का कटाव हो रहा है। शुरू में बड़ा लीक होने पर बांध को खाली कराकर सुधार किया गया था। लेकिन बांध में लीकेज बना हुआ है। बांध में लीकेज और सुधार का मामला शुरू से सरकार के संज्ञान में है। फिलहाल बांध लबालब भरा है। मरम्मत के लिए बांध के खाली होने का इंतजार है। बानसुजारा बांध ईई वीपी अहिरवार ने बताया कि बांध की गैलरी में लीकेज बड़ा इश्यू है। दो साल से कोरोना के चलते एजेंसी ने लीकेज सुधार का काम नहीं किया। बांध खाली होने पर सुधार हो पाएगा। विभागीय अधिकारी बांध निर्माण एजेंसी द्वारा गुणवत्ता से समझौता करने की बात भी मौन स्वीकार कर रहे हैं।

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