बादल सरोज
सीधी (मध्यप्रदेश) के प्रख्यात रंगकर्मी नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी और उससे जुड़ी पुलिसिया हरकतें साफ करती हैं कि बहाना जो भी बनाया गया हो; यह रंगकर्मियों और कलाकारों से राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने की बेहूदा और निंदनीय कार्यवाही है। नीरज की गिरफ्तारी के लिए जो आधार गढ़ा गया वह भी तत्काल मुचलके पर छोड़े जाने योग्य धारा का था, इसके बाद भी उन्हें जेल भेजा गया। क्योंकि सत्तारूढ़ दल के नेता,विधायक यही चाहते थे।
पुलिस के इस कृत्य का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे इंद्रवती नाट्य समिति के वरिष्ठ रंगकर्मी रोशनी प्रसाद मिश्र, नरेंद्र बहादुर सिंह, शिवा कुंदेर , रजनीश जायसवाल सहित कोई 10-15 कलाकारों को भी प्रतिबंधक धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। इतना ही नहीं पुलिस ने क्रोनिक किडनी पेशेंट, जीवन रक्षक दवाओं पर निर्भर नरेंद्र बहादुर की भी गिरफ्तारी कर उन्हें बिना दवा और भोजन के रखा। सुबह 7.30 बजे उनकी पत्नी रंगकर्मी और अभिनेत्री करुणा सिंह चौहान उनसे मिलने गई तो उन्हें मिलने भी नही दिया गया।
इस तानाशाहीपूर्ण, कायराना हरकत की भर्त्सना करते हुए मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि वे मध्यप्रदेश को पुलिस राज में बदलने की इन कोशिशों पर विराम लगायें । इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और दोषियों को चिन्हांकित कर उन्हें दंडित करने की जानकारी सार्वजनिक करें ।
(लेखक लोकजतन के सम्पादक हैं)
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2 comments
पहले आज की न्यूज पढ़िए। नीरज कुन्देर की इस नीचता का समर्थन करना आपको शोभा नहीं देता। सायबर पुलिस ने पूरी जांच के बाद पकड़ा है।
पुलिस और दूसरी एजेंसियों की जांच कैसे हो रही है यह पूरे देश को मालूम है