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Thursday, Dec 7, 2023
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अंततः शिवराज की उमा भारती को दो टूक, नहीं होगी शराबबंदी!

शराब को बढ़ावा देने के साथ ही अब नशाबंदी के लिए चलेगी मुहिम
भोपाल(देसराग)। शराबबंदी को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अब खुलकर आमन-सामने आ गए हैं। उज्जैन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान के बाद उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति स्नेह जताया तो वहीं दूसरी ओर उन पर आरोप लगाया।
नर्मदापुरम में एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उमा भारती के सवालों का अपने भाषण में भरे मंच से जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी नहीं होगी, लेकिन नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा।
शिवराज से पूछा सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सीएम शिवराज से सवाल पूछते हुए कहा कि अब वे मीडिया के माध्यम से क्यों बात करने लगे हैं। उन्हें अनबोला क्यों कर दिया है। उमा भारती ने ट्विटर पर लिखा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय मेरे बड़े भाई शिवराज सिंह चौहान से 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे। शिवराज ऑफिस जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे। मैंने शिवराज से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है। अब बात बाहर सामने आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया।
उमा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिनों उज्जैन में कहा था कि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं शराब की दुकानें बंद कर दूंगा। जब लोग शराब पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए तो पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेदारी है, यह तो कानून व्यवस्था का सवाल है।
सरकार अब सामाजिक आंदोलन चलाएगी
प्रदेश में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा लगातार उठाए जा रहे सवालों के बीच सरकार अब नशाबंदी के लिए सामाजिक आंदोलन चलाएगी। इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग को नशामुक्ति के लिए जनजागरण अभियान चलाने के लिए दस करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। हालांकि सरकार को इस साल आबकारी विभाग से करीब 10 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस मुकाबले शराब बंदी को लेकर जनजागरूता को लेकर बहुत ज्यादा प्रयास नहीं किए गए। पिछले साल विभाग को सिर्फ 73 लाख रुपए का बजट मिला था। जाहिर है उमा भारती की शराबबंदी की मांग पर सरकार जगजागरण अभियान तो चलाएगी, लेकिन शराबबंदी जैसा कोई कदम नहीं उठाएगी।
नशाबंदी के लिए बजट काफी कम
प्रदेश सरकार द्वारा शराबबंदी के लिए जनजागरण की बात कई बार उठ चुकी है लेकिन इसको लेकर जो बजट दिया गया, वह ऊंट के मुंह में जीरा समान रहा है। पिछले तीन सालों में सामाजिक न्याय विभाग को नशाबंदी के लिए मुश्किल से एक करोड़ रुपए ही मिले। हालांकि पिछले कुछ समय से उमा भारती द्वारा लगातार शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए जाने का असर इस बार सामाजिक न्याय विभाग को मिले बजट पर दिखाई दिया है। इस बार सामाजिक न्याय विभाग को दस करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। साल 2019-20 में नशाबंदी कार्यक्रम के लिए 72.79 लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया था। साल 2020-21 में नशाबंदी कार्यक्रम के लिए 73 लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया था। साल 2021-22 में नशाबंदी कार्यक्रम के लिए 73 लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया था। और अब साल 2022-23 में नशाबंदी कार्यक्रम के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।

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