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Monday, Oct 2, 2023
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राजनीति

सुंदरकांड के जरिए चुनावी संजीवनी हासिल करने की कवायद

भाजपा-कांग्रेस रामनवमी और हनुमान जयंती पर पवन पुत्र का करेंगी गुणगान

देसराग डेस्क
साल 2023 में सत्ता का सियासी संग्राम फतह करने के लिए भाजपा-कांग्रेस मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और पवनसुत हनुमान के जरिए चुनावी संजीवनी हासिल करने की कवायद में जुट गए हैं। अलबत्ता साल 2023 में चुनाव के पहले जहां भाजपा ने अपने आपको पूर्णतः हिन्दुत्व की छवि में निखारना शुरु कर दिया है तो वहीं कांग्रेस को भी ऐसा लगने लगा है कि बिना हिन्दुत्व कार्ड को खेले चुनावी वैतरणी पार लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस एक बार फिर साॅफ्ट हिंदुत्व की तरफ मुड़ रही है।
कांग्रेस हनुमान जयंती के मौके पर एक बार फिर प्रदेश भर में सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन करने जा रही है। हालांकि धार्मिक आयोजनों के जरिए लोगों तक पहुंचने के लिए भाजपा इस तरह के धार्मिक आयोजन पहले ही शुरू कर चुकी है। कांग्रेस के आयोजन को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और इसे चुनावी भक्ति बताया है।
धर्म की राह पकड़ती सियासत
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिन्दुत्ववादी छवि से सत्ता में वापसी का इतिहास रचकर भाजपा मध्य प्रदेश में भी योगी की राह पर चल पड़ी है। भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने भी चुनाव के पहले लोगों से जुड़ने के लिए धर्म की राह पकड़ ली है, पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर हनुमान जयंती के मौके पर कांग्रेस प्रदेश भर में धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम करने जा रही है। 10 अप्रैल को रामनवमी और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर कांग्रेस प्रदेश भर में राम कथा वाचन, रामलीला, भगवान राम की पूजा अर्चना के कार्यक्रम और सुंदर कांड, हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जाएगा। कमलनाथ खुद 16 अप्रैल को छिंदवाड़ा में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने इसको लेकर सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए हैं।
भाजपा भी नहीं पीछे
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, धार्मिंक आयोजनों के जरिए जनता तक पहुंचने और विचारधारा से जुड़ने के लिए भाजपा भी कोशिश में जुट गई है। भाजपा ने आगामी चुनाव में 10 फीसदी वोट बैंक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए सामाजिक और धार्मिक आयोजनों का रास्ता चुना है। भाजपा पहले ही अपने नेताओं, विधायकों और मंत्रियों को क्षेत्रों में लगातार धार्मिक आयोजन करने और इससे लोगों को जोड़ने के निर्देश दे चुकी है, रामनवमी पर प्रदेश भर में भाजपा भी धार्मिक आयोजन करने जा रही है। सरकारी स्तर पर भगवान श्री राम की नगरी ओरछा, उज्जैन, दमोह, विदिशा सहित कई स्थानों पर भव्य आयोजना होंगे।
एक-दूसरे पर हमलावर हुईं पार्टियां
धार्मिक आयोजनों के जरिए लोगों को जोड़ने और वोट बैंक को लुभाने की कोशिश में जुटी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे पर निशाना साध रही हैं। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ चुनावी फायदे के लिए लोगों को धार्मिक आधार पर सिर्फ आपस में लड़वाने का काम करती है, चुनाव नजदीक आए तो भाजपा को फिर राम याद आने लगे। यही वजह है कि भाजपा धार्मिक आयोजन करना रही है, जबकि हमारे नेता कमलनाथ तो सच्चे हनुमान भक्त हैं। वहीं कांग्रेस पर तंज कसते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस यदि राजनीतिक लाभ के लिए यह सब कुछ कर रही है तो उसे कुछ फायदा नहीं होने वाला है। हमें खुशी है कि कांग्रेस रामनवमी और हनुमान जयंती मना रही है लेकिन उन्हें खेद व्यक्त करना चाहिए कि सालों तक अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं बनने दिया।

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