ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, सागर सहित 12 बड़े जिलों हुआ था सर्वे
जबलपुर(देसराग)। मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियों को जानने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानों का सर्वे करवाया था, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सरकार के निर्देश पर सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा किए गए, इस सर्वे में खुलासा हुआ कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानों से मिलावटी खाद्यान्न भी दिया जा रहा है।
जबलपुर से मिलीं 8 फीसदी शिकायतें
सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के सर्वे में खुलासा हुआ है कि राशन दुकानों से जमकर मिलावटी खाद्यान्न वितरण किया गया, प्रदेश में सबसे ज्यादा 8 फीसदी शिकायतें जबलपुर जिले की मिली हैं। इसके अलावा राशन दुकानों में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा हितग्राहियों से बदसलूकी की शिकायतें भी सर्वे में आई हैं। राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार और हितग्राहियों की राय जानने के लिए ये सर्वे करवाया था। सर्वे का काम सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को दिया गया था।
सर्वे में शामिल हुए ये शहर
संस्थान ने अपने सैंपल सर्वे में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर सहित 12 बड़े जिलों को शामिल किया था, ये सर्वे कोरोना लॉकडाउन के दौरान और लॉकडाउन के बाद किया गया, जिसका नतीजा अब सामने आया है। इस सर्वे में जबलपुर में सबसे ज्यादा मिलावटी राशन की आपूर्ति पाए जाने पर जिला प्रशासन हरकत में आया है, जबलपुर जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बकई ने इस सर्वे में जबलपुर की स्थिति सबसे खराब पाए जाने की पुष्टि भी की है। नुजहत बकई के मुताबिक ये सर्वे उनकी पदस्थापना से पहले हुआ था, लेकिन सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने स्टॉक चयन के बाद ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकानों को खाद्यान्न सप्लाई करने के निर्देश दिए हैं।
अब से नहीं पहुंचेगा गुणवत्ताहीन खाद्यान्न
जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बकई का कहना है कि उन्होंने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर के माध्यम से नागरिक आपूर्ति प्रबंधन और वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन को पत्र जारी किया है, जिसमें बिना स्टॉक की जांच किए सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकानों को खाद्यान्न ना भेजने की बात कही गई है। जिला आपूर्ति नियंत्रक ने आगे से जबलपुर की किसी भी राशन दुकान में गुणवत्ताहीन खाद्यान्न ना पहुंचने देने का दावा भी किया है।