भोपाल(देसराग)। सरकार किस तरह अपनी योजनाओं का का दुरुपयोग करा नहीं है, इसका एक उदाहरण भोपाल के पशु चिकित्सालय में देखने को मिला। दरअसल, यहां एक बीपीएल कार्ड धारी युवक अपने डॉगी का इलाज कराने पहुंचा था। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस डॉगी की कीमत करीब 60 हजार की है।
राजधानी भोपाल के जिला पशु चिकित्सालय में विदेशी नस्ल के कुते जिसमें ग्रेटडेन सेडबर्नाड और तिबेतियन डॉग के साथ-साथ महंगी नस्ल की परशियन बिल्लियों का इलाज भी बी पी एल कार्ड से कराया जा रहा है। राज्य पशु चिकित्सालय अस्पताल में नियमों से बंधे डॉक्टर और स्टाफ इनके इलाज के लिए मना नहीं कर सकते। अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरवरी और मार्च के महीने में कुल 84 जानवरों का इलाज बीपीएल कार्ड के माध्यम से किया गया है, हालांकि अस्पताल में इनके इलाज का रेट चार्ट लगा हुआ है। बीपीएल कार्ड धारकों के जानवरों का इलाज का पंजीयन निशुल्क है। इसके अलावा भी उन्हें एपीएल के मुकाबले इलाज में 50 फीसदी से भी ज्यादा की राहत मिल जाती है, जिसके चलते 40 से 80 हजार रुपये में मिलने वाले विदेशी नस्ल के कुत्तों के इलाज के लिए भी लोग बीपीएल कार्ड लेकर आ जाते हैं।
पहले भी हो चुकी है शिकायत
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, बीपीएल कार्ड धारकों को डॉगी का इलाज सस्ता पड़ता है। रोजाना अस्पताल में लगभग 500 जानवरों का इलाज होता है जिसमें से 20 जानवरों का इलाज बीपीएल कार्ड के माध्यम से किया जाता है। नगर निगम के नियम के अनुसार कोई भी पालतू जानवर पालने के लिए नगर निगम की परमिशन की जरूरत होती है, परंतु यहां पहुंचने वाले अधिकतर लोगों के पास पशुओं का नगर निगम पंजीयन नहीं होता है। ऐसे में बीपीएल कार्ड धारक भी इसका फायदा उठाते हैं। राज्य पशु चिकित्सालय के निदेशक डॉ.साहू ने बताया कि, बीपीएल कार्ड धारक नगर निगम के पंजीयन के इलाज कराने आ जाते हैं और ज्यादा पूछताछ करो तो झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि, नियमानुसार हमारी मजबूरी है बीपीएल कार्ड पर पशुओं का इलाज करना। इससे पहले भी एक बार इस मामले में शिकायत हुई थी तब कुछ लोगों के बीपीएल कार्ड निरस्त किए गए थे।