इंदौर(देसराग)। अपने खिलाफ दर्ज एक मामले से नाराज आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ आनंद राय ने आखिरकार शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डॉ.राय ने इंदौर के जीपीओ ऑफिस पहुंचकर मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के लिए पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त मध्यप्रदेश को भेजी है। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाना बनाते हुए चुनौती दी है कि यदि वह जननायक हैं, तो उनके सामने इंदौर से किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ कर दिखाएं।
क्या कहते हैं एक्टिविस्ट
डॉ.राय ने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी लक्ष्मण सिंह मरकाम के मोबाइल के स्क्रीनशॉट मुझे भेजे गए थे, जिसमें संविदा शिक्षक वर्ग संबंधी तीन पेपर थे। इसके बाद मैंने इस पूरे मामले को फेसबुक पर सार्वजनिक किया था। उस दौरान स्क्रीनशॉट में पेपर की आंसर की भी थी। व्हिसलब्लोअर के नाते हमने पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।
हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
इसी जांच संबंधी मांगों को उठाने के कारण मेरे खिलाफ फर्जी एट्रोसिटी एक्ट मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा एजेके थाने पर दबाव डलवा कर लगवाया गया है। हालांकि इस मामले को हमने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसकी एक तारीख पर हाईकोर्ट द्वारा उक्त कार्रवाई पर रोक लगा दी गई। लिहाजा अब पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त में कर रहे हैं, जिससे लक्ष्मण सिंह मरकाम और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए। मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाने की संभावना पर सवाल उठाते हुए डॉक्टर राय ने कहा कि लोकायुक्त की जिम्मेदारी है व्हिसलब्लोअर एक्ट पालन करना। उन्हें पूरा विश्वास है कि इस मामले में कार्रवाई जरूर होगी।
6 महीने में तीन परीक्षाओं के पेपर लीक
डॉ.आनंद राय ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया। पिछले 10 साल से प्रदेश का युवा थका जा रहा है। महंगी पढ़ाई और कोचिंग के बाद नौकरी की उम्मीद में जब युवा प्रतियोगी परीक्षा दे रहे हैं तो पता चलता है कि पेपर का प्रश्न पत्र आउट हो गया है। 10 साल से नियुक्तियों में घोटाले जारी है। बीते 6 महीने में ही कृषि विस्तार अधिकारी, जेल प्रहरी और अब संविदा शिक्षक वर्ग 3 परीक्षाओं के पेपर आउट हो गए।
डॉक्टर राय ने दी चुनौती
डॉ.आनंद राय ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देकर कहा कि व्यापमं घोटाले से लेकर अब तक विभिन्न घोटाले उजागर किए जाने के बाद उनके परिवार के खिलाफ शासन स्तर पर साजिश हो रही है। बीते कई सालों से उनके फोन कॉल रिकॉर्ड हो रहे हैं। इसके अलावा उनका और उनकी पत्नी का ट्रांसफर भी किया गया। अब अनावश्यक ही उनके खिलाफ साजिश पूर्ण तरीके से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार को यह शोभा नहीं देता। डॉ.राय ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे जननायक हैं, तो उनके खिलाफ इंदौर की किसी एक सीट से चुनाव लड़ कर दिखाएं।
हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
एमपी टीईटी के प्रश्न पत्र का स्क्रीन शॉट मामले में एफआईआर दर्ज किये जाने के खिलाफ व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ.आनन्द राय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा ने एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किये हैं। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के आदेश में यथावत रखा है।
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