भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश में एक के बाद एक करके घट रही घटनाएं साफ़ उदाहरण है कि प्रदेश सरकार संविधान, लोकतंत्र और मानवीय गरिमा सब कुछ को अंगूठा दिखाकर शुद्ध तानाशाही का राज कायम करना चाहती है।
भ्रष्ट और अशिष्ट आचरण के लिए चर्चित सत्ता पार्टी के विधायक के कहने पर सीधी जिले में पहले नाट्यकर्मियों और अब स्थानीय पत्रकारों की गिरफ्तारी किया जाना और थाने में उन्हें नंगा करके जलील करने की शर्मनाक हरकत करना भाजपा की हताशा का प्रतीक है। माकपा राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि ऐसा करके वह अपने और अपने नेताओं के कुकर्मों को उजागर करने वालों को डराना चाहती है ताकि कोई बोलने का साहस न कर सके।
माकपा के अनुसार मध्यप्रदेश में हालात सत्तर के दशक में लगे आपातकाल से भी ज्यादा बदतर हो चुके हैं। प्रदेश के सभी लोकतंत्र समर्थकों को इसके विरुद्ध एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। इसी तरह सागर विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में आने वाली छात्रा के किसी खाली कमरे में नमाज़ पढ़ने को लेकर खड़े किये जा रहे तूमार के बहाने सत्ता पार्टी से जुड़े नफरती गिरोह इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के वातावरण को भी दूषित करने पर आमादा हैं। एक छात्रा की निजता का वीडियो बनाकर उसे वायरल करने के दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की बजाय उसे ही प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है ।
वहीँ दूसरी तरफ जनजातियों के लिए बने अमरकंटक के आदिवासी केंद्रीय विश्वविद्यालय में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के नाम पर यही गिरोह अपना अजेंडा आगे बढ़ाने के काम में लगा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी इन हरकतों का विरोध करती है। इन पर तत्काल रोक लगाए जाने के लिए जरूरी कदम उठाये जाने की मांग करती है।