भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिददीन बांग्लादेश के चार आतंकी पकड़े गए जो पुलिस रिमांड पर हैं। इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई है। आतंकियों के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने चारों आतंकियों को आज जिला अदालत में पेश कर 28 मार्च तक रिमांड पर लिया है। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि चारों आतंकी करीब 50 से ज्यादा लोगों के संपर्क में थे। संदिग्ध आतंकी मध्यप्रदेश में अपना नेटवर्क फैलाने में लगे थे। पुलिस आतंकियों की लोकल फंडिंग की भी जांच कर रही है। पुलिस को आशंका है कि आतंकियों को स्थानीय स्तर पर आर्थिक मदद मिल रही थी।
मात्र इतने रुपये में पहुंचे भोपाल आतंकी
एक आतंकी ने बताया कि जमात उल मुजाहिदीन के आतंकियों ने पैसे देकर भारत की सीमा में प्रवेश किया था, इसके साथ ही भोपाल तक पहुंचने के लिए इन आतंकियों को मात्र चार हजार रुपये खर्च करने पड़े। आतंकियों ने बताया कि, वह त्रिपुरा के रास्ते भारत में दाखिल हुए हैं। फिलहाल एटीएस की स्पेशल टीम मामले में जांच कर रही है।
भोपाल में स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे आतंकी
साल 2014 में भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें 2 लोग मारे गए थे। साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था। ऐसे घटनाओं में संगठन का नाम आने के बाद भार सरकार द्वारा साल 2019 में इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था। एटीएस के मुताबिक प्रतिबंध के बाद आतंकी संगठन द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। इसी तरह अब ये आतंकी भोपाल में रहकर स्लिपर सेल तैयार कर रहे थे।