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Tuesday, Jun 6, 2023
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ग्वालियर-चम्बल में तैयार हो रहे मुन्नाभाई

नर्सिंग पाठ्यक्रम के नाम पर भविष्य से खिलवाड़
भिंड(देसराग)। परीक्षा में नकल पद्धति सालों से हावी है और प्रशासन माफिया के आगे नकल रहित परीक्षाएं सम्पन्न कराने में शुरू से ही असफल रहा है, लेकिन भिंड में नकल के अलावा भी एक बड़ा घोटाला शिक्षा के क्षेत्र में सामने आ रहा है। जिले में नर्सिंग कोर्सेस के नाम पर कई छात्रों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है, या यूं कहें कि भविष्य के लिए ऐसा नर्सिंग स्टाफ तैयार किया जा रहा जो किसी की जान से खिलवाड़ कर सकता है।
80 फीसदी बाहरी छात्र
भिंड के नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा मोटी फीस वसूल कर रेगुलर कोर्स के नाम पर बाहरी छात्रों को बिना पढ़ाए परीक्षाओं में पास करने की धांधली की जा रही है। जिले में कुल 17 नर्सिंग कॉलेज हैं जिनमें 807 छात्र रजिस्टर है। बड़ी बात यह है कि जिले के इन कॉलेजों में भिंड और मध्यप्रदेश के छात्रों की संख्या 20 फीसदी से भी कम है जबकि 80 फीसदी से ज्यादा छात्र अन्य प्रदेशों के हैं। छात्रों को लेकर मिले आंकड़ों के मुताबिक, भिंड के आरएलडी नर्सिंग कॉलेज, पातीराम शिवहरे नर्सिंग कॉलेज, आयुष्मान नर्सिंग कॉलेज, एनकेएस नर्सिंग कॉलेज, विवेकानंद नर्सिंग कॉलेज, रुस्तम सिंह नर्सिंग कॉलेज, गिरजादेवी नर्सिंग कॉलेज समेत जिले के करीब 17 नर्सिंग कॉलेज में 400 से ज्यादा रजिस्टर्ड छात्र बिहार के रहने वाले हैं, 150 छात्र उत्तरप्रदेश और 100 से ज्यादा छात्र राजस्थान के हैं। भोपाल, इंदौर जैसे महानगरों को छोड़कर प्रदेश के छोटे से जिले भिंड में पढ़ाई कर रहे हैं।
होटल में रहकर देते हैं परीक्षा
बिहार से आए कई छात्रों ने बताया है कि वे लोग यहां सिर्फ तभी आते हैं जब कॉलेज द्वारा प्रैक्टिकल या परीक्षाओं के लिए उन्हें बुलाया जाता है। जीएनएम नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा देने भिंड के जनता कॉलेज में बिहार से आए छात्रों ने बताया की वे भिंड में अलग अलग होटलों में ठहरे हैं जबकि कुछ हॉस्टल में। कई छात्र-छात्राएं तो एक साथ एक बस में बैठकर भिंड आए थे और फिर यहां से रवाना हो गए। इनकी तस्वीरें भी कैमरे में कैद हो गई हैं। एक छात्र पवन ने बताया की वह 28 मार्च को ही बिहार से भिंड आए थे उनके पास यहां जगह नहीं थी वे होटल में रह रहे थे, परीक्षा देने आए लेकिन परीक्षा सेंटर से आज मोबाइल चोरी हो गया है। चार दिन से यहां रुके हैं। खाना भी नहीं खाया है आगे क्या करें समझ नहीं आ रहा है। ऐसे में इन छात्रों के बयान इस बात को साबित करते हैं कि ज़िले में संचालित नर्सिंग कॉलेज उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा के नियमों को ताक पर रख कर शिक्षा के नाम पर धन उगाही कर रहे हैं और बाहरी छात्रों को बिना पढ़ाए नर्स बना रहे हैं।
क्या कहते हैं नियम
अधिकतर विश्वविद्यालय डिग्री और डिप्लोमा के लिए रेगुलर कोर्सेस संचालित करते हैं। जिसके तहत छात्रों को प्रतिदिन छुट्टी के दिनों को छोड़कर पढ़ाई के लिए अपनी क्लास अटेंड करना अनिवार्य करता है। इनसे सम्बद्धित कॉलेज में भी यही नियम लागू होता है। किसी भी सेमेस्टर या वार्षिक परीक्षा देने के लिए छात्रों को 75 फीसदी अनुपस्थिति दर्ज करवानी अनिवार्य होती है। जिसका रिकॉर्ड कॉलेज या विभाग द्वारा विश्वविद्यालय को भेजा जाता है। इसके बाद ही उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलती है। इसके साथ ही समय-समय पर एक्स्टर्नल और प्रेक्टिकल परीक्षाएं भी अनिवार्य होती हैं, जिनके अंक भी मार्कशीट में दर्शाए जाते हैं। कई कॉलेज इन सभी नियमों को दरकिनार कर फर्जी आंकड़े भरकर छात्रों को परीक्षा में बैठाते हैं और एक्सटर्नल और प्रेक्टिकल परीक्षाओं के नाम पर भी भारी वसूली की जाती है।
एक ही कॉलेज में सभी परीक्षा केन्द्र
नकल माफिया इन कॉलेज के छात्रों की परीक्षाएं कराने के लिए पूरी तरह बाध्य रहता है। जिसकी बानगी भी इन परीक्षाओं में देखने को मिली। भिंड में 21 से ज्यादा शासकीय-अशासकीय महाविद्यालय और तमाम गवर्नमेंट स्कूल होने के बाद भी सभी 17 कॉलेज के 807 छात्रों के परीक्षा केंद्र पूरे जिले में सिर्फ एक बनाया गया है, वह भी जनता कॉलेज जो कि एक निजी संस्थान है। इसी केंद्र के कक्ष हॉल-ch में कई छात्र नकल करते हुए दिखाई दिये। यह कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है। हैरानी की बात यह है कि यह सब पर्यवेक्षक की मौजूदगी में हो रहा था।
मीडिया को कवरेज से रोका गया
परीक्षा के दौरान मीडिया को कवरेज से भी रोका गया, जिसकी तस्वीरें भी कैमरे में कैद हो गई हैं। वहीं परीक्षा दिलाने वाले एक निजी कॉलेज संचालक का रिश्तेदार परीक्षा केंद्र के अंदर से बाइक से निकलता हुआ कैमरे में कैद हुआ। मीडिया प्रतिबंध को लेकर जब केंद्र अध्यक्ष से सवाल किया कि क्या उनके पास कोई लिखित आदेश है? इस पर उन्होंने कहा की उन्हें निर्देशित किया गया है, नकल सम्बन्धी जानकारी उन्हें नहीं है। साथ ही इस केंद्र पर ना तो कोई जांच टीम नजर आयी ना ही सुरक्षा को लेकर पुलिस या सुरक्षाकर्मी। ऐसे में जनता कॉलेज में आयोजित करायी जा रही परीक्षाएं सवालों के घेरे में हैं। साथ ही प्रशासन की अनदेखी और नर्सिंग कॉलेजों की कार्यप्रणाली भी।

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