भोपाल(देसराग)। राजधानी के सियासी गलियारों में शिवराज मंत्रिपरिषद के विस्तार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रियों से विभागों के काम काज की रिपोर्ट लेंगे। खास बात यह है कि शिवराज सरकार में फेरबदल की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि निगम-मंडलों की नियुक्ति के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का का विस्तार भी कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में सियासी नियुक्तियों के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार के साथ फेरबदल के संकेत मिलने शुरु हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी कैबिनेट के सभी मंत्रियों से विभागों का रिपोर्ट कार्ड लेंगे और मंत्रियों के साथ एक-एक करके चर्चा भी करेंगे, क्योंकि नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद अब विभागों को अहम बिंदुओ पर काम करना है। उसी को लेकर सभी मंत्रियों से यह चर्चा की जाएगी। जबकि मंत्रियों के लिए टारगेट भी फिक्स किए जाएंगे।
कैबिनेट में चार मंत्रियों के पद हैं खाली
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी टीम से आगामी योजना और रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी टीम का विस्तार भी कर सकते हैं, क्योंकि मंत्रिमंडल में फिलहाल चार मंत्रियों की जगह खाली है। फिलहाल मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट में 31 मंत्री हैं, जबकि प्रदेश में कुल मंत्रियों की संख्या 35 हो सकती है। ऐसे में जल्द ही कुछ और नए मंत्रियों की नियुक्तियां हो सकती हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों को एडजस्ट करने कवायद खत्म हो गई है। सिंधिया के समर्थक मंत्रिमंडल और निगम मंडलों में जगह पा चुके हैं। सिंधिया के ऐसे समर्थक जो उपचुनाव में हार गए थे लेकिन भाजपा में शामिल हो चुके थे, उन्हें इन सियासी नियुक्तियों में खास तवज्जो दी गई है। इसके बाद अब सरकार मिशन 2023 की तैयारी में जुटने जा रही है। भाजपा के विधायकों को भी सत्ता और संगठन की तरफ से होमवर्क सौंपा गया है। सिंधिया समर्थकों को एडजस्ट करने के बाद अब भाजपा अपने अंतर्विरोध को खत्म करने के लिए जो पद बचे हुए हैं, उनपर ऐसे लोगों को मौका दे सकती है, जो की पार्टी के लिए समर्पित हैं और पार्टी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोले हैं।
मंत्रियों की परफॉर्मेंस देखेंगे शिवराज
शिवराज मंत्रिमंडल में 34 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। अभी 30 मंत्री मौजूद हैं और 4 पद खाली हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मौजूदा मंत्रियों से वन-टू-वन करेंगे और उनका रिपोर्ड कार्ड देखेंगे। माना जा रहा है संभावित फेरबदल और 2023 की रणनीति तय करने के लिए शिवराज मंत्रिमंडल में कमजोर या एवरेज परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों का कद घटाया जा सकता है या उन मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए क्षेत्रीय योजनाओं के संबंध में जिलों से भी विवरण मांगा गया है।
आलाकमान के ग्रीन सिग्नल का इंतजार
हालांकि शिवराज के सामने अब चुनौती यह है कि मंत्रिमंडल मे सिर्फ चार जगह खाली हैं। ऐसे में 4 लोगों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। इससे पार्टी में असंतोष हो सकता है। इसे देखते हुए सत्ता और संगठन के लोग नीति बना रहे हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए केंद्र से हरी झंडी मिलने का है इंतजार है।
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