भोपाल(देसराग)। मध्य-प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के मौके पर हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना ने स्थानीय प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सच तो यह है कि प्रदेश की सियासत इन दिनों खरगोन के इर्द-गिर्द ही घूम रही है।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस घटना के लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो हिंसा में शामिल लोगों के घरों पर चलाए बुलडोजर ने हालात और तनावपूर्ण कर दिए हैं। हाल ही में एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एंकर द्वारा बार-बार पूछे जाने पर भी यह नहीं बता सके कि किस कानून के तहत खरगोन में लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाए गए। बहरहाल खरगोन में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं।
हर शासनाध्यक्ष का संवैधानिक कर्तव्य है कि उनके राज्यों में यदि कोई अप्रिय प्रसंग हो तो वे सभी राजनैतिक दलों को विश्वास में लेकर अमन चैन कायम करने के प्रयास करे,4 दिनों बाद भी खरगोन में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर CM,गृहमंत्री ने ऐसे प्रयासों को लेकर कोई अपील की हो,तो बताएं
हर शासनाध्यक्ष का संवैधानिक कर्तव्य है कि उनके राज्यों में यदि कोई अप्रिय प्रसंग हो तो वे सभी राजनैतिक दलों को विश्वास में लेकर अमन चैन कायम करने के प्रयास करे,4 दिनों बाद भी खरगोन में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर CM,गृहमंत्री ने ऐसे प्रयासों को लेकर कोई अपील की हो,तो बताएं
— KK Mishra (@KKMishraINC) April 13, 2022
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने एक ट्वीट कर इस पूरे मामले में सरकार के संवैधानिक दायित्व से पीछे हटने की बात कही है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि घटना के 4 दिन बाद भी राज्य शासन ने इस पूरे घटनाक्रम में राजनीतिक दलों को विश्वास में नहीं लिया और ना ही अमन चैन के लिए कोई प्रयास किए।