नई दिल्ली(देसराग)। देश के विभिन्न हिस्सों में सामने आई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बीच तेरह राजनीतिक दलों ने देश की जनता से संयुक्त अपील की है कि वह शांति और सौहार्द्र बनाए रखे। हाल की सांप्रदायिक घटनाओं पर एक बयान जारी करते हुए इन दलों ने कहा है कि नीचे हस्ताक्षर करने वाले हम राजनीतिक पार्टियों के नेता यह अपील जारी करने के लिए साथ आए हैं कि सत्ता प्रतिष्ठान के हिस्सों द्वारा आहार, पोशाक, आस्था, त्यौहारों तथा भाषा से जुड़े मुद्दों का हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए जिस तरह से जान-बूझकर इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे हम बहुत ही उद्विग्न हैं।
बयान में कहा गया है कि हम ऐसे लोगों द्वारा नफरती बोल बोले जाने की देश में बढ़ती वारदातों पर बहुत ही चिंतित हैं, जिन्हें सरकारी संरक्षण मिल रहा लगता है और जिनके खिलाफ कोई अर्थपूर्ण तथा कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बयान में कहा गया है कि हम देश के अनेक राज्यों में हाल में फूटी सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। हम अत्यधिक चिंतित हैं क्योंकि खबरें इसका इशारा करती हैं कि जिन इलाकों में ये घटनाएं हुई हैं, उनके पीछे एक कुटिल पैटर्न है। सांप्रदायिक हिंसा छेड़ने वाले सशस्त्र धार्मिक जुलूसों से पहले, आगलगाऊ नफरती भाषण हुए हैं। घृणा तथा पूर्वाग्रह फैलाने के लिए जिस तरह से सरकारी संरक्षण में सोशल मीडिया तथा ऑडियो-विजुअल प्लेटफार्मों का दुरुपयोग किया जा रहा है, उससे हमें बहुत पीड़ा हुई है।
इस साझा अपील में कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री की चुप्पी से हैरान हैं, जो उन लोगों के शब्दों तथा हरकतों के खिलाफ बोलने में विफल रहे हैं, जो कट्टरता का प्रचार करते हैं और जो अपने शब्दों तथा हरकतों से हमारे समाज को उकसाते तथा भडक़ाते हैं। यह चुप्पी इस तथ्य का मुखर सबूत है कि इस तरह की निजी हथियारबंद भीड़ों को सरकारी संरक्षण की सुविधा हासिल है। हम अपना सामूहिक संकल्प दोहराते हैं कि मिलकर सामाजिक सौहार्द्र के उन रिश्तों को मजबूत करने के लिए काम करेंगे, जो सदियों से भारत को परिभाषित तथा समृद्घ करते आए हैं।
हम उन जहरीली विचारधाराओं का मुकाबला करने तथा सामना करने की अपनी वचनबद्धता दोहराते हैं, जो हमारे समाज में फूटपरस्ती की जड़ें जमाने की कोशिश कर रही हैं। हम अपने दृढ़ विश्वास को दोहराते हैं कि हमारा देश सिर्फ तभी फलेगा-फूलेगा, जब वह अपनी नाना विविधताओं का सम्मान करेगा, उनके लिए जगह बनाएगा और उनका उत्सव मनाएगा।
बयान में कहा गया है कि हम जनता के सभी हिस्सों से अपील करते हैं कि शांति बनाए रखें तथा उन ताकतों के कुटिल मंसूबों को विफल करें, जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तीखा करना चाहती हैं। हम देश भर में अपनी तमाम पार्टी इकाइयों का आह्वान करते हैं कि स्वतंत्र रूप से भी तथा संयुक्त रूप से भी, शांति तथा सौहार्द बनाए रखने के लिए काम करें।
हस्ताक्षरकर्ता
श्रीमती सोनिया गांधी, अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस। शरद पवार, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, सुश्री ममता बैनर्जी, मुख्यमंत्री प. बंगाल तथा अध्यक्ष, तृणमूल कांग्रेस, एम के स्टालिन, मुख्यमंत्री तमिलनाडु तथा अध्यक्ष, द्रमुक, सीताराम येचुरी, महासचिव, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड तथा एक्जिक्यूटिव प्रेसिडेंट, जेएमएम, डॉ. फारुख अब्दुल्ला, पूर्व-मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर और अध्यक्ष, नेशनल कान्फ्रेंस, तेजस्वी यादव, बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष, आरजेडी, डी राजा, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, देबब्रत विश्वास, महासचिव, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, मनोज भट्टाचार्य, महासचिव, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, पी के कुन्हालीकुट्टी, महासचिव, आइयूएमए, दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, सी पी आइ (एमएल) लिबरेशन।
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