भोपाल(देसराग)।खरगोन में दंगाइयों को “सबक” सिखाने के लिए शिवराज मामा के बुलडोजर ने कई घरों को तबाह कर दिया है। सरकार अपनी इस बहादुरी पर भले ही खुद अपनी पीठ ठोके लेकिन सच सामने आ रहा है। जेल में बंद एक शख्स को दंगों का आरोपी बनाए जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति को पथराव का आरोपी बना दिया जिसके दोनों हाथ ही नहीं है।
वसीम शेख साल 2005 में अपने दोनों हाथ गवा बैठे। बिजली का करंट लगने से उनके दोनों हाथों को काटना पड़ गया। इसके बाद से ही वह अपने परिवार पर निर्भर हैं, घर में दो छोटे बच्चे हैं और खाने पीने के लिए परिवार के लोगों के भरोसे हैं। खरगोन में हिंसक घटनाओं के बाद उनके और उनके परिवार के रोजगार का जरिया बनी एक गुमटी को बुलडोजर तहस-नहस कर दिया। यही नहीं उन्हें पत्थरबाज भी करार दे दिया गया। एक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार ने वसीम शेख और उनके परिवार की दुख भरी कहानी को उजागर किया है।
"Jis admi ko khana aur pani dusre log khilate hai, wo patthar kaise phek sakta hai" said Wasim Shaikh.
His Gumti (Shop) at Chota Mohan Talkies was razed by the district admin on April 11 by branding him as "stone pelter and rioter" a day after riot + @newsclickin pic.twitter.com/4J8YvlEy7O
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) April 18, 2022
ट्विटर पर उनका इंटरव्यू सामने आया है जिसमें वह अपनी आपबीती सुनाते हैं। रोजगार छिन गया और दंगाई होने का कलंक भी उनके माथे पर आ गया। यह अलग बात है कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मीडिया से बातचीत में पत्रकारों से उल्टे यही सवाल करते हैं कि उन्हें “सच” क्यों नहीं दिखाई पड़ रहा है। विपक्ष का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन विपक्ष को खरगोन जाने से रोक रहा है।